खैबर-पख्तूनवा सरकार ने रूस्तम घाटी के चीना गाँव के स्कूल की छात्राओं के बीच बुर्का बटवाये थे। इस इलाके के विभाग ने पाकिस्तान तहरीक ऐ इन्साफ के फंड की मदद से मुहैया किये थे और पूर्व जिला परिषद् के सदस्य मुजफ्फर शाह ने स्कूल की छात्राओं के बीच 69 बुर्को को बटवाया था।
शाह ने कहा कि “मैंने लड़कियों के लिए चादर खरीदने का निर्णय लिया था लेकिन स्थानीय नेताओं के साथ परामर्श के बाद मैंने बुर्के ख़रीदे। सभी बुर्को की कीमत 100000 रूपए की है और गवर्मेंट गर्ल्स मिडिल स्कूल के छात्राओं को मुफ्त में बांटे गए थे।”
गाँव के काउंसलर ने कहा कि “खैबर पख्तूनवा के मुख्यमंत्री के एलेमेंट्री एंड सेकंड्री एजुकेशन पर सलाहकार ज़िऔल्लाह बंगाश की हालिया सूचना से उनका यह कदम प्रभावित था, जिन्होंने लडकियों को पर्दा करने के निर्देश दिए थे। यह कदम इस क्षेत्र की छात्राओं को सुरक्षा शिक्षा का माहौल मुहैया करने के लिए जरुरी है।”
खैबर पख्तूनवा की सरकार ने सरकारी स्कूल की लडकियों के लिए प्रांतीय शैक्षिक संस्थानो में बुर्के को अनिवार्य कर दिया है। यह आदेश सबसे पहले हरिपुर जिले में दिया गया था। जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी प्रिंसिपल और आध्यापको से स्कूल की लडकियों का अबाया, गाउन और चादर ओढने को सुनिश्चित करने को कहा था।
प्रशासन ने सरकारी स्कूल की लडकियों के लिए बुरका पहनने को अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री महमूद खान ने इस निर्देश को वापस लेने की मांग की थी और कहा कि यह सूचना बगैर सरकार को एतमाद में लिया जारी की गयी थी।