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    डोनाल्ड ट्रम्प

    अमेरिका में नए कानून से हजारो भारतीयों की वहां बसने की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है क्योंकि अगर प्रवासी अपने स्वास्थ्य बीमा होने या अपने स्वास्थ्य का खुद खर्चा उठाने में सक्षम होने को साबित करने में नाकाम रहा तो उनके वीजा आवेदन को ख़ारिज का दिया जायेगा। शुक्रवार को इस नए कानून का ऐलान प्रवासियों को बोझ बनने से रोकने के लिए किया गया है।

    यह नियम वीजा आवेदाब करने वालो पर लागू होगा जिन्हें उनके रिश्तेदार बुलाते हैं यानी अमेरिका में एच-1 बी वीजाधारको पर यह नियम लागू नहीं होगा क्योंकि उनके ग्रीन कार्ड आवेदनों को मंज़ूरी अमेरिकी मालिक देते हैं। अधिकारी डौग रानड ने कहा कि “इस नियम से करीब 23000 भारतीयों पर प्रभाव पड़ेगा।”

    उन्होंने कहा कि “यहाँ प्रत्येक वर्ष परिवार के स्पोंसर पर 35000 प्रवासी आते हैं और उसमे से एक-तिहाई ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करने के दौरान अमेरिका में ही रहते हैं और शेष भारत से आते हैं। यह आदेश 3 नवम्बर से प्रभाव में आएगा।

    राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को आदेश जारी कर कहा कि “इस देश में आ रहे प्रवासी हमारे स्वास्थ्य सुविधा प्रणाली को मजीद ख़राब नहीं कर सकते हैं। अमेरिका करदाता इसके लिए काफी कीमते देते हैं। उन्होंने राष्ट्रपति अधिकारी के तहत कुछ देशो के मुस्लिमो के अमेरिका आने पर रोक और शिविर मुहैया करने पर प्रतिबन्ध लगाया था।

    व्हाइट हाउस ने कहा कि “राष्ट्रपति का आदेश का इरादा अमेरिकी नागरिको के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के संरक्षण को सुनिश्चित करना है। नागरिको के मुकाबले स्वास्थ्य बीमा तीन गुना कम है और हर 10 वर्षो में स्वस्थ्य सुविधाओं की कीमत 35 अरब डॉलर से बढती जा रही है।”

    व्हाइट हाउस ने कहा कि “व्यापक संख्या में दुसरे देशो के नागरिक देश की धिकतर जन स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।” प्रवासी वीजा आवेदकों को अमेरिका में प्रवेश के लिए 30 दिनों के भीतर अपनी स्वास्थ्य बीमा होने का सबूत मुहैया करना होगा। उन्हें वीजा प्रक्रिया के दौरान सबूत जमा करना होगा न कि अमेरिका में प्रवेश के बाद।”

    एक प्रवासी वीजा अस्थायी ट्रेवल या कार्य वीजा से अलग होता है और यह अमेरिकी नागरिको या कानूनी स्थायी निवासियों, रिश्तेदारों या अमेरिकी उद्योगकर्मियों द्वारा मुहैया किया जाता है और आवेदन से पूर्व स्वीकृत याचिका होनी चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने विवादित दीवार और सीमा पर गिरफ़्तारी से बगैर दस्तावेज के प्रवासियों पर कार्रवाई की थी। साथ ही कानूनी प्रवासी के लिए नियमो को सख्त, आश्रय के निर्माण को मुश्किल और गरीब प्रवासियों को आश्रय न देने जैसे कदम उठाये थे।

    अगस्त में प्रशासन ने अपराधी पृष्ठभूमि के नागरिको, भोजन के जरुरतमंदो, आवसीय और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आने वालो को ग्रीन कार्ड न देने का ऐलान किया था। प्रशासन ने जोर देते हुए कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि प्रवासी खुद का सहयोग करने में समर्थन हो और गरीब प्रवासियों या कम विकासशील देशो के नागरिको के साथ भेदभाव करने के आरोप को ख़ारिज किया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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