चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत की यात्रा की योजना तैयार कर रहे हैं और वियतनाम ने गुरूवार को कहा कि “दक्षिणी चीनी सागर की स्थिति गंभीर है और अगर भारत इस क्षेत्र में शान्ति और स्थिरता लाने के लिए निभाएगा तो हनोई इसका स्वगात करेगा।”
दक्षिणी चीनी सागर में शान्ति और स्थिरता
दक्षिणी चीनी सागर में भारतीय स्वामित्व ओएनजीसी के नजदीक वियतनाम के ईईजेड में चीनी जहाजो की तैनाती की गयी है। भारत ने इस क्षेत्र में शान्ति और सुरक्षा के लिए हमेशा आवाज उठायी है और नौचालन की स्वतंत्रता को बरक़रार रखने के समर्थन पर अडिग रहा है।
चीनी राष्ट्रपति की नई दिल्ली की यात्रा के दौरान भारत से दक्षिणी चीनी सगार के मुद्दे को उठाने के बाबत क्या वियतनाम नई दिल्ली से आग्रह करेगा इस सवाल के जवाब में भारत में वियतनाम के राजदूत फाम शान चौ ने कहा कि “हम यह स्पष्ट किया था कि हम क्षेत्र के अन्दर और बाहर के सभी देशो को शान्ति और सुरक्षा में योगदान के लिए आमंत्रित करेंगे और इस क्षेत्र में किसी भी देश द्वारा शान्ति और स्थिरता को मजबूत करने में योगदान का हम स्वगत करेंगे।”
राजदूत ने कहा कि “भारत एक सकारात्मक किरदार निभा रहा है और आगामी हो ची मिंह शहर में वार्षिक सुरक्षा वार्ता में दक्षिणी चीनी सागर के मामले पर दोनों देश चर्चा करेंगे। इस स्थिति पर भारत ने बेहद सकारात्मकता से प्रतिक्रिया दी है। भारतीयों का इस क्षेत्र में शान्ति और स्थिरता में हित है और इस क्षेत्र से भारतीय कंपनियां संचालन कर रही है।”
राजदूत ने कहा कि “उनके देश ने निरंतर बीजिंग से अंतरराष्ट्रीय सागर कानून का पालन करने का आग्रह किया है और और चीन को क्षेत्र से जहाजो को हटाने के लिए कहा है। स्थिति बेहद गंभीर है क्योंकि चीनी जहाज अभी भी वियतनाम के जल में मौजूद है। ”
उन्होंने कहा कि “हालात गंभीर है क्योंकि चीनी जहाज अभी भी साल 1982 के अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर वियतनाम के जल में मौजूद है। हमने निरंतर चीनी पक्ष से अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करते हुए उनके जहाजो को वियतनाम के जल क्षेत्र से बहार निकालने का आग्रह किया है। साथ ही वियतनाम और चीन के बीच मजबूत और बेहतर साझेदारी को प्रगाढ़ करना है।”
राजदूत ने कहा कि “हमने कई बार जोर देते हुए कहा कि इस तरीके की गतिविधियाँ क्षेत्र में शान्ति और सुरक्षा में योगदान नहीं देंगी। हमें उम्मीद है कि चीन को सन्देश मिला होगा।” फाऊ ने कहा कि “भारत और वियतनाम के बीच द्विपक्षीय सम्बन्ध बेहद अच्छे है और बेहतर होते रहेंगे।”
उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी अगले वर्ष पूर्वी एशिया सम्मेलन में शामिल होने के लिए वियतनाम का दौरा करेंगे। भारत और अमेवियात्नाम के बीच संबंध बेहद रफ़्तार से बढ़ रहे हैं और हमेशा अच्छे रहे हैं। अक्टूबर 2020 में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की वियतनाम यात्रा करने की उम्मीद है।