इराक के दक्षिणी शहरो में गुरूवार को सरकार विरोधी प्रदर्शन में एक पुलिसकर्मी सहित 11 लोगो की मौत हो गयी थी। इराक की राजधानी बद्दाद में प्रधानमन्त्री आदेल अब्दुल मेहदी ने कर्फ्यू का ऐलान किया था। यह प्रदर्शन इराक की समस्याओं को लेकर किया गया था जिन्हें इराक के नागरिक रोजाना की जिंदगी में सामना करते हैं। इसमें भ्रष्टाचार, सुविधाओं की कमी और बेरोजगार जैसे मामले शुमार है।
बुधवार को दो लोगो की मौत हो गयी थी और सैकड़ो प्रदर्शनकारी जख्मी हुए थे जब सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियो को तितर बितर करने के लिए सुरक्षा कर्मियों ने गोलीबारी और आंसू गैस के गोले दागे थे। बग़दाद के सेंट्रल स्क्वायर में करीब 1000 लोगो ने भारी पुलिस की तैनाती में प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों का काफिला ग्रीन जोन की तरफ बढ़ रहा था तभी भीड़ पर आंसू गोले को दागा गया था।
नसीरियाह, दिवानियाह और बासरा के कई शहरो में प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था बग़दाद में कई प्रदर्शनकारियों ने युद्ध के प्रसिद्ध सैनिको की तस्वीरे हाथो में उठा रखा थी। इसमें ईरान के आतंकवाद विरोधी सेना के प्रमुख लेफ्टनेंट जनरल अब्दुल वहाब अल सादी भी थे जिन्होंने इस्लामिक स्टेट को युद्ध में शिकस्त दी थी।
सादी को बीते सप्ताह उनके पद से हटाया गया था। अफवाहों के अनुसार ईरान के वफादार चरमपंथी समूह ने सादी को पद से हटाने के लिए दबाव बनाया था। इराकी राजधानी हिंसक सरकार विरोधी प्रदर्शनों के शिकंजे में फंस चुकी है। संयुक्त राष्ट्र ने सभी पक्षों से अधिकतम संयमता बरतने का आग्रह किया है।
इराक के लिए यूएन महासचिव की विशेष प्रतिनिधि जेअनिने हेन्निस प्लास्चेर्ट ने शांति रखने का आग्रह किया है और सुरक्षा कर्मियों व प्रदर्शनकारियों को नुकसान पंहुचने पर गहन दुःख व्यक्त किया है।
हेन्निस ने इराकी विभागों से शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की सुरक्षा को बरक़रार रखने का आग्रह किया था और जनता, व सार्वजानिक और निजी संपत्ति को बचाने का भी आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि “सभी को कानून के मद्देनजर अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है। साल 2017 में इस्लामिक स्टेट को अधिकारिक अधिकारी शिकस्त दी थी और देश में शान्ति का ऐलान किया था।