अफगानिस्तान में तालिबान के भय के बावजूद शनिवार को अगले राष्ट्रपति के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू हो गयी है। स्वतंत्र निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनावो में करीब 96 लाख लोगो ने मतदान के लिए पंजीकरण किया है। अफगानिस्तान में 5371 मतदान केन्द्रों में से 445 मतदान केन्द्रों को बंद कर दिया है लेकिन आंतरिक मंत्रालय ने मतदाताओं को सुरक्षित माहौल मुहैया करने का आश्वासन दिया है।
अफगानिस्तान में चुनावी प्रक्रिया
टोलो न्यूज़ के मुताबिक, तालिबान ने मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया से दूर रहने की धमकी दी थी और नहीं हो गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा था। अमेरिका और तालिबान के बीच बातचीत की प्रक्रिया ठप पड़ गयी थी और अमेरिका ने इस शान्ति प्रक्रिया को खत्म कर दिया था।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सिलसिलेवार आक्रमक कई ट्वीट किये थे जब तालिबान ने राजधानी काबुल में एक फियादीन हमले को अंजाम दिया था जिसमे एक अमेरिकी सैनिक सहित 12 लोगो की मौत हो गयी थी। यह ट्वीट अफगानी चुनावो से 20 दिन पहले किये गए थे।
उम्मीदवारों ने एक प्रान्त से दूसरे प्रान्त में अपनी चुनावी यात्रा को शुरू कर दिया था और कई प्रचार अभियान चलाए गए थे। अफगानी मतदाताओं को 16 दावेदारों में से अपने प्रतिनिधि का चयन करना है।
अफगानिस्तान के चीफ आर्मी जनरल स्टाफ बिश्मिल्लाह वजीरी ने कहा कि “मेरे पास तालिबान के लिए एक सन्देश है: तुम लोगो को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रख सकते हो। अफगानिस्तान की जनता को मतदान करने की अनुमति दो ताकि एक मज़बूत सरकार का गठन हो सके और तब तुम अफगानी सरकार के शांति साथ वार्ता में शामिल हो सको।”
तालिबान और अमेरिका की बातचीत ठप
उन्होंने कहा कि “लेकिन अगर तुम इस प्रक्रिया में छेड़छाड़ करोगे तो यह संभव नहीं होगा।” कमीशन के प्रमुख हावा आलम नुरिस्तानी ने कहा कि “मतदान प्रक्रिया का अंत स्थानीय समयनुसार 3:00 बजे होगा।
न्यूयोर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनावो के शुरूआती परिणामो का खुलासा 17 अक्टूबर के बाद ही किया जायेगा और अंतिम नतीजे 7 नवम्बर को घोषित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि “हम चुनाव के दिन के अंत में ही परिणामो की घोषणा नहीं कर सकते हैं, सिर्फ कुल मतदाताओं की संख्या का ऐलान किया जायेगा।”
आयोग के सचिव हबीब उर रहमान ने कहा कि “हम चुनावी दिवस की प्रक्रिया के लिए सुरक्षित माहौल मुहैया करने के लिए प्रतिबद्ध है। चुनाव के लिए 144146 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निगरानीकर्ताओं की तैनाती की गयी है। अफगानिस्तान में साल 2014 के राष्ट्रपति चुनाव भ्रष्टाचार की वजह से बर्बाद ही गए थे। चुनावो में राष्ट्रपति अशरफ गनी और विपक्ष के नेता अब्दुल्लह अब्दुल्लाह के बीच कड़ी टक्कर है।