भारत ने मंगलवार को दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मामला एक द्विपक्षीय मुद्दा है और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर नई दिल्ली की स्थिति स्पष्ट है। विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि “जम्मू कश्मीर में मध्यथता पर हमारी स्थिति एकदम साफ़ है। अगर पाकिस्तान के साथ मामलो पर चर्चा की जाएगी तो वह द्विपक्षीय होगी।”
भारत-पाक का द्विपक्षीय मामला
पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान के साथ सोमवार को प्रेस कांफ्रेस के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर कश्मीर पर मध्यस्थता का प्रस्ताव पेश किया था। ट्रम्प ने कहा कि “अगर भारत और पाकिस्तान की रजामंदी हो तो हम कश्मीर मामले पर मध्यस्थता के लिए तैयार, इच्छुक और सक्षम है।”
उन्होंने कहा कि “अगर मैं मदद कर सकता हूँ तो मैं निश्चित ही यह करूँगा। यह इन दोनों सज्जनों पीएम मोदी और इमरान खान पर निर्भर करता है। अगर भारत और पाकिस्तान वास्तविकता में चाहते हैं तो मैं जरुर मदद करना चाहूँगा। .यह एक जटिल मसला है लेकिन अगर दोनों यही चाहते हैं मैं ऐसा जरुर करना चाहूँगा।”
उन्होंने कहा कि “दोनों पक्षों को इसके लिए राज़ी होना होगा। मेरी प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के सतह बेहद अच्छे सम्बन्ध है और अगर किसी भी वक्त वह कहते हैं तो हम इसका समाधान कर सकते हैं। मेरे ख्याल से मैं एक अच्छा मध्यथ्ताकार बन सकता हूँ।”
जुलाई में भी इमरान खान के साथ प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने ऐसी ही भावनाओं को व्यक्त किया था। भारत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने का निर्णय लिया था और इसके बाद दोनों देशो के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। पाकिस्तान ने भारत के साथ आंशिक तौर पर राजनयिक संबंधों को तोड़ दिया था।
पाकिस्तान कश्मीर मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने का भरसक प्रयास का रहा है और यूएन में संबोधन के दौरान भी वह इस मामले को उठाएंगे।