विश्व में सबसे ज्यादा ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन देश चीन ने साल 2020 के बाद जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई के प्रयासों में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। चीन ने ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का इस्तेमाल करने का संकल्प लिया है।
जलवायु परिवर्तन का मामला एक गंभीर चिंता बन गयी है और ग्रह का तापमान बढ़ता जा रहा है जो एक अच्छा संकेत नहीं है। कई देश अपने मुल्क के उत्सर्जन को कम करने के लिए एकजुट होकर कार्य करने की कोशिश कर रही है और पेरिस जलवायु संधि के दौरान संकल्प को कायम रखने की कोशिश कर रहे हैं।
चीन ने वैश्विक ताकतों के साथ सहयोग को बढ़ाने के लिए ‘ग्रीन’ बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के विचार का भी ऐलान किया है। समस्त विश्व में कई देशो के नागरिक स्ट्राइक पर गए हैं और सरकार की असक्षमता के प्रति चिंता व्यक्त की है। चीन और भारत की कार्बन उत्सर्जन के बढ़ने सबसे अधिक भूमिका है।
न्यूयोर्क में जलवायु सम्मेलन के दौरान चीन ने जलवायु नीति के पुनर्मूल्यांकन की योजना को प्रस्तावित किया था। रायटर्स के मुताबिक, कार्बन उत्सर्जन में लक्ष्य से अधिक वृद्धि होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि “वह साल 2020 के बाद अपनी जलवायु नीतियों की समीक्षा करेंगे।
संबोधन के निष्कर्ष में प्रधानमन्त्री ने विश्व के लिए एक आधार किया है ताकि जलवायु की सुरक्षा के प्रति विश्व अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर सके। उन्होंने कहा कि “बातचीत का समय खत्म हो चुका है और अब दुनिया को काम करने की जरुरत है।”
रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक तापमान को पेरिस संधि के तहत दो डिग्री सेल्सियस के नीचे रखना है जिसे 1.5 डिग्री रखना तय किया गया था।