ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ अमेरिका के साथ नई परमाणु संधि की उम्मीदों को जगा दिया है जसके तहत को तेहरान को प्रतिबंधो से पूरी तरह निजात दी जाएगी और इसके बदले ईरान स्थायी परमाणु निरस्त्रीकरण प्रक्रिया को अंजाम देगा।
ईरान ने पेश की नई परमाणु संधि
जरीफ में एक समझौते को प्रस्तावित किया है जो साल 2015 की परमाणु सन्धि को आगे बढ़ाएगा। डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष मई में इस संधि से अमेरिका को बाहर निकाल लिया था। जरीफ ने कहा कि “ईरान एक नए प्रोटोकॉल पर दस्तखत करने पर विचार कर रहा है जो देश में परमाणु सुविधाओं की जांच के लिए अनुमति प्रदान करेगा। देश के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने ही देश के कानून में परमाणु हथियारों पर पाबन्दी लगा रखी है।”
उन्होंने कहा कि “इसके बदले में ट्रम्प को ईरान से सभी प्रतिबंधो को हटाना होगा और कांग्रेस द्वरा उठाये कदमो में सुधार करना होगा। ईरान कभी भी एक परमाणु हथियार वाल देश नहीं रहा है। हम तैयार है, अगर डोनाल्ड ट्रम्प स्थायी के लिए स्थायी के प्रति गंभीर है।”
साल 2015 की परमाणु संधि के तहत ईरान पर अमेरिका कांग्रेस साल 2023 तक कोई प्रतिबन्ध नहीं लगा सकती थी। जरीफ ने हसन रूहानी और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच यूएन की महासभा के इतर मुलाकात की संभावनाओं को खारिज नहीं किया है।
दोनों नेताओं की मुलाकात पर विदेश मंत्री ने कहा कि “राष्ट्रपति ट्रम्प के जरुरी कदम उठाने की मालूमात होगी।” इस क्षेत्र में तनावों को कम करने की योजनाओं के बाबत रूहानी यूएन में बोल सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि ‘हमें यकीन है कि हम शान्ति, भरोसा बढाने, गैर आक्रमक संधि और विनिमय के लिए एकजुट होकर कार्य करने की जरुरत है।” विदेश मंत्री जयशंकर ने सोमवार को उज्बेकिस्तान के समकक्षी के साथ बातचीत की थी।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री कमिलोव के साथ मुलाकात अच्छी थी। द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की थी। आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता को दोहराया था।” जयशंकर ने इससे पूर्व ब्रिटेन और नीदरलैंड के विदेश मंत्रियो के साथ मुलाकात की थी।
विदेश मंत्री जयशंकर की ईरान, बुल्गारिया, तुर्की, नीदरलैंड, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, यूएई और अन्यो के साथ 11 द्विपक्षीय बैठके हैं। इस दिन की शुरुआत में मंत्री ने अफगानिस्तान में अमेरिकी शान्ति दूत ज़लमय खलीलजाद से भी मुलाकात की थी।