चीन पर भड़कते हुए राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने कहा कि बीजिंग ने शिनजियांग में आक्रमक अभियान चलाया था। पोम्पियो ने इसे चीन द्वारा अपने ही नागरिको का सफाया करने का अभियान करार दिया था। अल जजीरा के हवाले से माइक पोम्पियो ने कहा कि “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूँ कि शिनजियांग में चीन का आक्रमक अभियान आतंकवाद के बाबत नहीं है। यहाँ अपने ही नागरिको का सफाया करने की कोशिश है। हम सभी देशो से चीन की उइगर के प्रत्यर्पण की मांग को विरोध करने की मांग करते हैं।”
अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो पांच मध्य एशियाई देशो के विदेश मंत्रियो के साथ मुलाकात के बाद बयान दिया था। इसमें तुर्कमेनिस्तान, किर्गिजस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाखिस्तान, ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री शामिल थे। यह बयान 74 वें यूएनजीए के सत्र के पहले आया है।
चीन और पाकिस्तान में अल्पसंख्यको पर कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना की गयी थी। चीन पर उइगर मुस्लिमो को नजरबन्द शिविरों में भेजकर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था। साथ ही धार्मिक गतिविधियों में दखल देने और जबरन पुनः शिक्षण जैसे इलाको में समुदाय के नागरिको को भेजकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।
बीते महीने, यूएन की मुलाकात में अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने चीन और पाकिस्तान में धार्मिक आज़ादी को कुचलने का मामला उठाया था। साथ ही दोनों राष्ट्रों में धार्मिक अल्पसंख्यको का उत्पीड़न और अत्याचार करने की आलोचना की है।
धार्मिक अल्पसंख्यको की सुरक्षा की बैठक के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने धार्मिक आज़ादी पर बढती पाबंदियो पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने चीन में उइगर समुदाय द्वारा भेदभाव का सामना करने और पाकिस्तान में ईसाई, अहमदी, हिन्दू और अन्य अल्पसंख्यको पर अत्याचार को रेखांकित किया है।