आतंकवाद का विरोध और चरमपंथियो द्वारा साइबरस्पेस व इन्टरनेट का इस्तेमाल प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के फोकस एरिया में महत्वपूर्ण होगा। यह जानकारी यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने दी है।
उन्होंने कहा कि “आज, आतंकवादी सीमाओं के पार अच्छी तरह से संचालित कर रहे हैं। वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इन्टरनेट का अच्छे से इस्तेमाल कर रहे हैं। आतंकवाद का विरोध और चरमपंथियो द्वारा साइबरस्पेस व इन्टरनेट का इस्तेमाल प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के फोकस एरिया में महत्वपूर्ण होगा।”
राजदूत ने कहा कि “भारत की विदेश नीति में आतंकवाद की चुनौतियों को हमेशा संबोधित करेंगे क्योंकि यह हमारी जनता को प्रभावित करता है। आतंकवाद के सन्दर्भ में इस वर्ष यूएन की कार्रवाई में दो प्रमुख उपलब्धियां हासिल हुई हिया इसमें जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करना और भारत के खिलाफ पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देने वाले की यूएन में निंदा करना शामिल है।”
इस समारोह में अकबरुद्दीन ने कहा कि “एफएटीएफ सबूतों के आधार पर कार्य करते हैं जो तथ्यों पर आधारित है। यह एम्पिरिकल डाटा पर आधारित होता है जो एक अलग प्रक्रिया है।” पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को पीएम मोदी के द्वारा रेखांकित किये जाने के सवाल पर अकबरुद्दीन ने कहा कि “जो भी हमरे देश में शान्ति और सुरक्षा में खलल डालने की कोशिश करेगा तो हम इसे ताकत से जवाब देंगे। हम इसे कैसे करेंगे यह जब करेंगे तब मालूम होगा। अभी हम सिर्फ इन्तजार कर रहे हैं और देखते है क्या होता है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अमेरिका की छह दिवसीय यात्रा पर जायेंगे। इसमें वह ह्यूस्टन में आयोजित हाउडी मोदी के कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे।