पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने बुधवार को कहा कि “वह अगले हफ्ते डोनाल्ड ट्रम्प से अफगानिस्तानी शान्ति वार्ता को तालिबान के साथ दोबारा शुरू करने का आग्रह करेंगे।” डोनाल्ड ट्रम्प ने तालिबान के साथ शान्ति वार्ता को अचानक रद्द कर दिया था।
इसके साथ ही 8 सितम्बर को डेविड कैंप में अफगानिस्तानी राष्ट्रपति अशरफ गनी और तालिबान के नेताओं के साथ वार्ता को भी रद्द कर दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि तालिबान के सतह बातचीत खत्म हो चुकी है और शान्ति समझौते का अंत हो चुका है।
इमरान खान ने कहा कि “अगर वार्ता आगे नहीं बढ़ेगी तो यह एक बड़ी दुर्घटना होगी। वह सोमवार को डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मुलाकात करेंगे और बतायेंगे कि पिछले 40 वर्षो से अफगानिस्तान में अराजकता तबाही का दौर जारी है। इस वार्ता को बहाल करने के लिए हम अपना शत प्रतिशत देंगे।”
8 सितम्बर को ट्रम्प कहा कि “तालिबान साथ वार्ता मर चुकी है।” तालिबान ने इसके जवाब में कहा कि “वांशिगटन को वार्ता की तरफ पीठ दिखाने के निर्णय पर अफ़सोस होगा अफगानिस्तान में कब्जे को खत्म करने की वार्ता नहीं होगी तो वह जिहाद और लड़ाई जारी रखेंगे।”
अमेरिका अफगानिस्तान की सरजमीं से 5000 सैनिको को 135 दिनों में पांच ठिकानों से वापस बुला लेगा। इसके बदले मे तालिबान ने अलकायदा के साथ संबंधों को तोड़ने और अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों को पनाह न देने का वादा किया था।
वार्ता के जारी होने के बावजूद तालिबान के आतंकी हमले जारी है। दोनों पक्षों की समझौते पर रजामंदी के बावजूद समूह ने काबुल में बमबारी को नहीं रोका है। अफगानिस्तान के मानव अधिकार परिषद् के प्रमुख अब्दुल समद अमेरि का तालिबान ने अपरहण कर लिया था।