भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद स्विट्ज़रलैंड की सफल यात्रा के बाद सोमवार को स्लोवेनिया पंहुच गए हैं। यूरोपीय देशो की यात्रा का यह उनका आखिरी चरण है। कोविंद अपने स्लोवेनिया के समकक्षी बोरुत पहोर और राष्ट्रीय सदन के अध्यक्ष दजन ज़िदान के साथ व्यापक चर्चा करेंगे और भारत-स्लोवेनिया कारोबारी समारोह में शामिल होंगे।
यह स्लोवेनिया की किसी भी भारतीय राष्ट्रपति की पहली यात्रा है। स्लोवेनिया को साल 1991 में आज़ादी मील गयी थी। स्विट्ज़रलैंड से स्लोवेनिया की यात्रा पर निकलने के लिए तीन घंटे की देरी हो गयी थी। राष्ट्रपति के एयर इंडिया विमान में जुरिच एअरपोर्ट पर तकनीकी खराबी आ गयी थी।
राष्ट्रपति एअरपोर्ट के लिए निकले थे लेकिन एयरक्राफ्ट में तकनीकी खराबी को सूचना के बाद उन्हें होटल वापस जाने के लिए कहा गया था। इस समय एक एयर इंडिया बोइंग 777 लन्दन से मुंबई सेक्टर में संचालित होता हिया लेकिन इसे विकल्प के तौर पर हीथ्रो में रखा गया था।
एयर इंडिया के विमान की सभी समस्याओं को इंजिनियर्स ने ठीक कर दिया और तीन घंटो की देरी के बाद राष्ट्रपति कोविंद स्लोवेनिया की यात्रा के लिए रवाना हुआ थे। स्लोवेनिया की राजधानी में राष्ट्रपति कोविंद का भव्य सत्कार किया गया था।
भारत और स्विट्ज़रलैंड ने शुक्रवार को जलवायु परिवर्तन, विज्ञान, तकनीक और लोगो से लोगो के संपर्क के क्षेत्रों में विस्तार के लिए तीन समझौतों पर दस्तखत किये हैं।
राष्ट्रपति कोविंद अभी तीन राष्ट्रों आइसलैंड, स्विट्ज़रलैंड और स्लोवेनिया की यात्रा पर 9 सितम्बर से हैं। आइसलैंड और स्विट्ज़रलैंड में सफल द्विपक्षीय मुलाकात के बाद वह स्लोवेनिया पंहुच गए हैं।