पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने कहा कि “नई दिल्ली से जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को निष्प्रभावी करने के बाबत कोई सवाल नहीं पूछा गया था। भारत के साथ पारंपरिक युद्ध की संभावनाओं को उठाया था जो उपमहाद्वीप के बाहर तक जा सकती है।”
भारत के साथ जंग की समभावनाये
उन्होंने कहा कि “इसलिए हमने संयुक्त राष्ट्र का द्वार खटखटाया था, हमने अंतरराष्ट्रीय मंच पर गुहार लगाई थी कि उन्हें अब कारवाई करनी चाहिए। मुझे बिल्कुल यकीन है कि भारत के साथ जंग की सम्भावना मुमकिन है। यह एक सशक्त आपदा है जिसका प्रभाव भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर भी होगा। मैं एक अमनपसंद, जंग रोधी व्यक्ति हूँ। मुझे यकीन है कि जंग किसी भी समस्या को हल नहीं कर सकती है।”
उन्होंने कहा कि “जब दो परमाणु संपन्न देश लड़ते हैं, अगर वे पारंपरिक युद्ध लड़ते, यहाँ हर मुमकिन समभावना है कि यह परमाणु जंग के साथ युद्ध खत्म हो सकता है। यह सोच से परे हैं। अल्लाह ने कटे अगर पाकिस्तान एक पारंपरिक जंग लड़ता है और हम हार जाते हैं और अगर एक देश दो विकल्पों के बीच फंसता है, या वह समर्पण करता है या मृत्यु तक आज़ादी के लिए लड़ता रहता है तो मैं जानता हूँ कि पाकिस्तान आज़ादी के लिए आखिरी सांस तक लड़ता रहेगा।”
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफ गहरा गया था जब जम्मू कश्मीर से से विशेष राज्य के दर्जे को निष्प्रभावी कर दिया था और राज्य को दो मुल्को में विभाजित कर दिया था। पाकिस्तान ने भारत के साथ कूटनीतिक संबंधो को खत्म कर दिया था और भारतीय उच्चायुक्त को मुल्क से वापस बुलाने की भारत से गुजारिश की थी।
जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और सरकार ने पाकिस्तान की तरफ से गैर जिम्मेदार बयानों के लिए आलोचना की थी। इस मामले पर भारत विरोधी भड़काऊ बयानबाजी की निंदा भी की थी।