Sat. Nov 23rd, 2024
    प्रतीकात्मक चित्र

    देश की सुरक्षा में तन मन से समर्पित सेना सदैव ही हर गंभीर स्थिति से निपटने के लिए तत्पर रहती है। बदलते हुए समय, उभरते हुए नए तकनीकों और गंभीर परिसथितियों से निपटने के लिए सेना को युद्धाभ्यास कराया जाता है।

    यह अभ्यास समय समय पर इसलिए भी जरुरी है ताकि सेना हमेशा ही दिमागी और शारीरिक तौर पर हर गंभीर स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहे। इस समय राजस्थान के थार इलाके में थल और वायु सेना का संयुक्त युद्धाभ्यास चल रहा है। थार का इलाका एक बार फिर महान पराक्रम, निष्ठा, और हिम्मत का साक्षी बन रहा है। इस युद्धाभ्यास में करीब 20000 सैनिक भाग ले रहे है।

    भिष्म टी-90 टैंकों
    भिष्म टी-90 टैंक जिस पर थल सेना अभ्यास कर रही है

    देश की दोनों ही सेनाओं को इस तरह से अभ्यास करवाया जा रहा है जिससे वो वक्त आने पर दुश्मन की ईंट से ईंट बजा सके। गुरुवार को भिष्म टी-90 टैंकों का इस्तेमाल भी इस अभ्यास के दौरान हुआ। इन टैंकों ने दुश्मनों के ठिकानों को तहस नहस कर दिया। टैंकों के हमले का साथ देने के लिए एयरफोर्स के पराड्रपर्स ने उड़ान भरा।

    युद्ध के समय जरूरत पड़ने पर हरसंभव मदद करने का एयर फाॅर्स ने अभ्यास किया। पराड्रपर्स विमान ने मैदान में उतरकर मोर्चा संभालने का सफल अभ्यास किया।

    माना जा रहा है कि सेना इस अभ्यास को इस तरह से कर रही है कि देश में बाहरी आतंकवाद के साथ साथ आंतरिक आतंकवाद से भी लड़ा जा सके। भारतीय सेना देश की गौरव है। अपने सफल युद्धाभ्यासों के कारण ही भारतीय सेना पाकिस्तान को तमाम युद्धों शिकस्त दी है।