कभी कभी छोटी दिखने वाली बात भी बड़ी होती है या फिर बड़ी कर दी जाती है। यूपी पुलिस को शायद यह अंदाजा भी नहीं होगा कि उसका एक पोस्टर इतना हंगामा मचा देगा। उन्होंने नहीं सोचा होगा कि छोटा सा पोस्टर भी देश विदेश की मीडिया में जगह बना पाएगा।
दरअसल हुआ यह कि सीएम आवास के बाहर लोगों की सेल्फी खिंचवाने की आदत से तंग आकर पुलिस ने एक चेतावनी भरा पोस्टर टांग दिया। पोस्टर पर साफ़ शब्दों में लिखा था कि इस छेत्र में सेल्फी लेना एक दंडनीय अपराध है एवमं पकडे जाने पर आरोपी को सजा हो सकती है।
बस फिर क्या था पलक झपकते ही इस पोस्टर पर लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया। वैसे भी आज के युवाओं को सेल्फी लेने से रोकना कोई अच्छी बात थोड़ी ही है। मामला जब मीडिया में आया तो पुलिस के बड़े अधिकारीयों ने इस पर संज्ञान लिया। सीएम का आवास तो वैसे भी अपने सेल्फी पॉइंट के लिए मशहूर माना जाता है। लोग दूर दूर से वहां दर्शन को आते है और अपने मोबाइल कमरे में उन लम्हों को कैद करने की कोशिश करते है।
प्रतिबन्ध के पीछे पुलिस का यह था तर्क
यूपी पुलिस ने बताया कि सेल्फी प्रतिबन्ध के पीछे पुलिस का मकसद सीएम की सुरक्षा से था। पुलिस ने कहा सीएम आवास होने के कारण यहां पर लोग सेल्फी खिंचवाते रहते है जिससे कई बार पुलिस को दिक्कत आती है तथा बेकसूर लोगों को भी संदिग्ध समझते हुए पुलिस के पूछताछ और कानूनी लफड़ों में उलझना पड़ जाता है।
पुलिस ने कहा कि फ़िलहाल पोस्टर को हटवा लिया गया है लेकिन जल्द ही सिक्योरिटी जोन में सेल्फी लेने वालों के लिए नया नियम बनेगा।