पाकिस्तान को सख्त सन्देश देते हुए सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि “पीओके के संदर्भ में निर्णय केंद्र ही लेगा, सेना किसी भी परिदृश्य के लिए तैयार है।” जनरल रावत ने कहा कि सेना सिर्फ सरकार के निर्णय का इंतजार कर रही है। ऐसे मामलो में सरकार कार्रवाई करेगी। देश के संस्थान सरकार के आदेशो के तहत कार्य करेंगे। सेना हमेशा तैयार है।”भारत, पाकिस्तान,
जम्मू कश्मीर के बाबत सेनाध्यक्ष जनरल रावत ने कहा कि इस क्षेत्र के लोगो को शान्ति और सुरक्षा बरक़रार रखने के लिए सेना की मदद करनी चाहिए। कई सालो से आतंकवाद के कारण कश्मीर जल रहा है और उन्हें क्षेत्र में शांति व विकास लाने के लिए सरकार को एक मौका देना चाहिए।
मंगलवार को केन्द्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने कहा कि “प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्र सरकार अब पाकिस्तान अधिग्रहित सरकार के अन्य भागो को लक्ष्य बना रही है और उन्हें भारत का भाग बनाएगा। हमारे अगला एजेंडा पीओके के शेष भागो और जम्मू कश्मीर के हिस्सों को भारत का अंग बनाना होगा। यह सिर्फ मेरी पार्टी की प्रतिबद्धता नहीं है बल्कि साल 1994 में संसद में पारित प्रस्ताव का भाग भी है। जिसे कांग्रेस के नेतृत्व वाली नरशिमा राव की सरकार ने पारित किया था।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि “अब पाकिस्तान के साथ भारत सिर्फ पीओके के मुद्दे पर चर्चा करेगा। अनुच्छेद 370 को जम्मू कश्मीर से विकास के लिए हटाया गया है। हमारे पड़ोसी अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दरवाजा खटखटा रहा है और कह रहा है कि भारत ने गलती की है। पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी संभव है जब वह आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करेगा। अगर अब पाकिस्तान के साथ वार्ता होगी तो सिर्फ पीओके के बारे में होगी।”