पाकिस्तान ने गुरूवार को कहा कि “कुलभूषण जाधव को भारतीय राजनयिक पंहुच दोबारा देने की हमारी कोई योजना नहीं है।” जासूसी और विध्वंशकारी गतिविधियों के कथित आरोपी मानकर पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने पूर्व नौसैन्य अधिकारी को मौत की सजा सुना दी थी।
कुलभूषण को दोबारा राजनयिक पंहुच नहीं
जाधव को दोबारा राजनयिक पंहुच के बाबत विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि “अब कोई मुलाकात नहीं है।” हालाँकि उन्होंने इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है। पाकिस्तान ने 2 सितम्बर को जाधव को राजनयिक पंहुच दी थी।
इस्लामाबाद में भारतीय उप उच्चायुक्त गौरव आलूवालिया ने रावलपिंडी के जेल में जाधव से मुलाकात की थी। जुलाई में अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत ने हुक्म सुनाया कि पाकिस्तान ने विएना संधि के तहत जाधव के अधिकारों का उल्लंघन किया है और मौत की सजा पर समीक्षा करने का आदेश दिया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने 2 सितम्बर को कहा कि “हम अभी पूरी रिपोर्ट का इन्तजार कर रहे हैं, यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान के झूठे दावो से श्री जाधव काफी दबाव में थे। हम आलूवालिया की रिपोर्ट से अधिक जानकारी मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे और आईसीजे के निर्देशों के लिए दृढ संकल्पित है।”
आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को 1963 वियेना संधि का उल्लंघन करने का कसूरवार ठहराया था जिसके तहत राजनयिक पंहुच दी जाती है। पाकिस्तान जाधव को भारतीय राजनयिक के साथ वार्ता के उनके अधिकारों के बाबत बताने में असफल रहे थे।
जाधव पर पाकिस्तान ने जासूसी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लागाये हैं और भारत के काफी आग्रहों के बावजूद पाक ने जाधव को राजनयिक पंहुच की मंज़ूरी नहीं दी थी।
पाकिस्तान के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि “पाकिस्तान 20 डॉलर सर्विस फीस के तौर पर वसूल करेगा, करतारपुर गलियारे के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।” भारतीय प्रतिनिधि समूह के प्रमुख और गृह मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी बीसीएल दास ने कहा कि भारत श्रद्धालुओं से शुल्क लेने पर सहमत नहीं था।