पाकिस्तान ने अपने मुल्क में फल-फूल रहे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात उद दावा पर अरबो रूपए खर्च किये हैं। इस सच को देश के आंतरिक मंत्री ने कबूल किया है। ब्रिगेडियर इजाज अहमद शाह ने कहा कि “इमरान खान सरकार ने आतंकवादी संगठन को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अरबो रूपए उन पर खर्च किये हैं।”
पत्रकार नदीम मलिक ने एक पाकिस्तानी टीवी न्यूज़ के कहा कि “हमने जेयूडी पर लाखो रूपए उड़ाए हैं। हमने आतंकवादी संगठन के सदस्यों को हतौत्साहित करना चाहिए और उन्हें मुख्यधारा से दूर करना चाहिए।” पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान की जुलाई में अमेरिका की पहली यात्रा के दौरान कबूल किया था कि देश में अभी तक 30000 से 40000 चरमपंथी मौजूद है। जिन्हें अफगानिस्तान या कश्मीर के अन्य भागो के लिए प्रशिक्षित और लड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है।
खान ने पाकिस्तान की तहरीक ए इन्साफ सरकार के सत्ता में आने से पूर्व कहा कि अपनी सरजमीं पर संचालित चरमपंथियों को तबाह करने की सरकार की राजनीतिक इच्छा नहीं है। इस अलग समारोह में पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि सीमाओं पर 40 विभिन्न चरमपंथी समूह सक्रिय है।
फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स की अक्टूबर में आगामी बैठक के मंत्री शाह का बयान आया है। निगरानी समूह अगले महीने अंतिम मूल्यांकन रिपोर्ट को सौपेंगा। बीते महीने एफएटीएफ के सहयोगी समूह एशिया पैसिफिक ग्रुप की बैठक हुई थी।
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री ब्रिग इजाद अहमद शाह ने कबूल किया कि पाकिस्तान कश्मीर मामले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन हासिल करने में नाकाम हुआ है। देश की छवि बिगाड़ने के लिए शाह ने खान सहित पाकिस्तान के सत्ताधारी एलिट पर इसका आरोप लगाया है।
खान, बेनजीर भुट्टो, परवेज मुशर्रफ और अन्यो को रूलिंग एलिट कहते हुए पूर्व ख़ुफ़िया विभाग के प्रमुख ने कहा कि “सब कुछ संभव है। पाकिस्तान को अब रूह को टटोलना चाहिए।”