पाकिस्तान के विदेश मन्त्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता की संभावनाओं को खारिज कर दिया है और कहा कि “कश्मीर विवाद को हल करने का एकमात्र तरीका तीसरे पक्ष की मध्यस्थता है। कुरैशी का बयान ऐसे समय में आया जब पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का भरसक अंतर्राष्ट्रीकरण करने में जुटा हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में भी पाकिस्तान को वैश्विक समुदाय का साथ नहीं मिला है और फ्रांस, रूस, अमेरिका जैसे देशो ने भारत के पक्ष का समर्थन किया है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।
भारत ने अपनी स्थिति को पश्त रखा है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और भारत इसमें तीसरे पक्ष की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करेगा इसके बावजूद पाकिस्तान अमेरिका और वैश्विक समुदाय से मध्यस्थता के लिए गुहार लगा रहा है।
अमेरिका ने कश्मीर और अन्य मामलो पर अपनी स्थिति को बरक़रार रखा है और कहा कि भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय तरीके या प्रत्यक्ष वार्ता से हल करना चाहिए न कि बाहरी पक्षों के जरिये समाधान निकालना।
ऐलिस जी वेल्स ने ट्वीट कर कहा कि “कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे वार्ता और अन्य चिंतित मामलो के समर्थन में अमेरिका है।” पाकिस्तान कश्मीर के मामले में अमेरिका से मध्यस्थता चाहता है और आला स्तर की मुलाकातों में यह उनके एजेंडा में प्राथमिकता पर है।