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    हसन रूहानी

    ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को कहा कि “अमेरिका की युद्धोतेजना नाकाम होगी और चेतावनी दी कि अमेरिका के प्रतिबंधों के जवाब में ईरान अपनी परमाणु प्रतिबद्धता से और पीछे हटने के लिए तैयार है।” ईरान ने रूहानी औरे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच मुलाकात की संभावनाओं को भी ख़ारिज कर दिया है।

    रूहानी ने कैबिनेट की बैठक में कहा कि “अमेरिकियों को समझना चाहिए कि युद्धोतेजना और युद्ध की इच्छा दोनों ही उनके हक़ में नहीं होगी, इसे त्यागना चाहिए। दुश्मन हम पर अत्यधिक दबाव बना रहा है। हमारी प्रतिक्रिया इसका विरोध और संघर्ष है।”

    ईरान और अमेरिका के बीच बीते वर्ष मई से तनाव बढ़ा हुआ है जब डोनाल्ड ट्रम्प ने एकतरफा तरीके से साल 2015 की परमाणु संधि से अमेरिका को बाहर निकाल लिया था और तेहरान पर आर्थिक प्रतिबंधों को थोप दिया था। अमेरिका के परमाणु संधि से नाता तोड़ने के जवाब में ईरान ने परमाणु प्रतिबद्धताओं को कम करना शुरू कर दिया और अपने परमाणु कार्यक्रम पर वापस आ गया।

    रूहानी ने बुधवार को बयान में कहा कि “ईरान परमाणु संधि का अनुपालन करने को तैयार है जब अमेरिका भी ऐसा ही कर तो। हमने कई बार कहा है कि हमारी नीति शांतिपूर्ण परमाणु तकनीक की है और परमाणु संधि पर हनर दृष्टिकोण प्रतिबद्धता है।”

    उन्होंने कहा कि “हमने तीसरा कदम उठा लिया है। अगर भविष्य में यह जरुरी और महत्वपूर्ण हुआ तो हम और भी कदम उठाएंगे।” ईरान ने शनिवार को कहा कि “वह परमाणु संवर्धन के दर को अधिकतम तीव्रता से बढ़ाएंगे और यह परमाणु संधि से वापसी का तीसरा कदम होगा।”

    ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी परमाणु संधि को बचाने और दोनों मुल्को के बीच तनाव को कम के लिए काफी कोशिश कर रहे है। ट्रम्प के दो लेफ्टिनेंट ने मंगलवार को दंकेट दिया कि वह ईरान के राष्ट्रपति से बगैर किसी शर्त के मुलाकात को तैयार है। अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
    राज्य सचिव माइक पोम्पियी और ट्रेज़री सेक्रेटरी स्टीवन म्नुचिन ने कहा कि “अमेरिका इस्लामिक रिपब्लिक के खिलाफ अत्यधिक दबाव के अभियान को जारी रखेगा। मजीद तख़्त रावांची ने कहा कि “यह मुलाकात तभी हो सकती है जब वांशिगटन तेहरान के खिलाफ सभी प्रतिबंधों को हटाकर आर्थिक आतंकवाद को खत्म कर देगा।”
    ईरानी राजदूत ने कहा कि “कोई भी मुलाकात परमाणु संधि की प्रमुक्ख ताकतों के समूह के फ्रेमवर्क में ही आयोजित होगी। जब तक अमेरिका सरकार का आर्थिक आतंकवाद और ईरानी जनता पर कठोर प्रतिबन्ध लागू रहेंगे, बातचीत के लिए कोई जगह नहीं है।”
    बोल्टन को मंत्रालय से निकालने के मामले पर ईरानी राजदूत ने कहा कि “ट्रम्प का निर्णय अमेरिकियों का मामला है। जॉन बोल्टन को हटाना उनका आंतरिक मामला है और हम घरेलू मामलो पर अपना बयान नहीं दे सकते हैं।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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