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    यूएन

    भारत ने मंगलवार को यूएन मानव अधिकार परिषद् में पाकिस्तान के आरोपों को दृढ़ता से खारिज किया है और पलटवार करते हुए कहा कि “जम्मू कश्मीर पर झूठे बयान वैश्विक आतंकवाद के केंद्र से आ रहे हैं और एक ऐसे राष्ट्र से जो सीमा पार आतंकवाद को अपनी वैकल्पिक कूटनीति के तौर पर इस्तेमाल करता है।”

    पाकिस्तान के प्रोपोगेन्डा को खारिज करते हुए भारत ने कहा कि “अपने क्षेत्रीय इरादों को पाने की लालसा में ऐसे बेतुके कार्य किये जा रहे हैं और इस्लामाबाद का उन्माद बयान झूठे और मनगढ़ंत है, जिसका मकसद मंच का राजनीतिकरण और ध्रुवीकरण करना है।”

    विदेश मंत्रालय में पूर्व की सचिव विजय सिंह ठाकुर ने कुरैशी के बयान को ख़ारिज किया है और इसके बाद मंत्रालय में प्रथम सचिव विमर्श आर्य ने प्रतिक्रिया के अधिकार के तहत कुरैशी के दावो का जवाब दिया। आर्यन ने कहा कि भारत के आंतरिक मामले में बोलने का इस्लामिक सहयोग संगठन का कोई हक़ नहीं है।

    उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान की वक्रपटूता उसके द्वारा अल्पसंख्यको पर किये जा रहे जुल्म से वैश्विक समुदाय का ध्यान नहीं भटका सकता है। उन्होंने हाला ही में सिख युवती के जबरन धर्मांतरण के मामले को रेखांकित किया था। जम्मू कश्मीर और तीसरे मुल्को में हिंसा भड़काने के लिए पाकिस्तान जिहाद की मनाग करता है।”

    सिंह ने कहा कि “आर्टिकल 370 को हटाना और जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन एक संप्रभु और पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है। पूरी बहस के बाद भारतीय संसद में इसका निर्णय लिया गया था कोई भी देश अपने आंतरिक मामलो में किसी देश के दखल को बर्दाश्त नहीं करेगा, भारत भी नहीं।”

    सिंह ने कहा कि “आतंकवाद अंतररष्ट्रीय समुदाय के जीने के अधिकार और लोगो के सुरक्षा की प्रतिबद्धता के लिए एक गंभीर खतरा है। यह मासूमो की जिंदगी छीनता है और भय व अनिश्चितता को फैलाता है। हमें बोला होगा क्योंकि चुप्पी आतंकवादियों की हौसलाफजाई करेगी। भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में एकजुट होने की अपील करता है।”

    आला अधिकारी ने कहा कि “वैश्विक समुदाय के एक जिम्मेदार राष्ट्र होने के नाते भारत मानव अधिकारों के संरक्षण और प्रचार के दृष्टिकोण पर यकीन रखता है। विशाल और विविधता के साथ भारत एक प्राचीन सभ्यता है और उसे विष के सबसे बड़े लोकतंत्र होने की विश्वसनीयता है।”

    उन्होंने कहा कि “आर्टिकल 370 भारत के संविधान में एक अस्थायी प्रावधान था और हालिया बदलाव हमारे स्मप्रभु अधिकार के तहत है और यह भारत का अंदरूनी मामला है। पाकिस्तान को यकीन हो गया है कि इससे बधान पंहुचाने की उनकी जमीन खींच ली गयी है जिससे वह भारत के खिलाफ आतंकवाद का प्रचार करता था। कुछ पाकिस्तानी नेता भारत के खिलाफ जिहाद और जम्मू कश्मीर में हिंसा को बढाने की मांग कर रहे हैं।”

    आर्यन ने कहा कि “पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून को बेहतर तरीके से अल्पसंख्यको पर अत्याचार के लिए तैयार तैयार किया गया है। जैसे सिख समुदाय की बेटी जगजीत कौर का अपहरण किया गया और उसका जबरन धर्मांतरण कर दिया गया था। भारत की जनता क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए एकजुट है और पाकिस्तान के मंसूबे कभी कामयाब नहीं हो सकते हैं। भारत के अन्य राज्यों की तरह लद्दाख और जम्मू कश्मीर में भी प्रगति और समृद्धता जारी रहेंगी।”

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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