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    अमेरिका के रक्षा विभाग के 17 सदस्यीय प्रतिनिधि समूह पाकिस्तान में शनिवार को पंहुच गये है और वह अफगान शांति प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे। हाल ही में अमेरिकी और तालिबानी नेताओं ने समझौते के आखिरी चरण पर बातचीत की थी।

    इस समझौते पर दोनो पक्ष नौवे चरण की वार्ता के दौरान पंहुचे थे। वे 18 वर्ष की जंग को समाप्त करना चाहते हैं। इसके तहत वांशिगटन अफगानिस्तान से 5400 सैनिको को पांच ठिकानों से 135 दिनों में वापस बुला लेगा। अफगानिस्तान में अभी अमेरिका के 14000 सैनिक मौजूद थे और न्यूनतम बिंदुओं तक सैनिको के स्तर को कम करना है।

    चीन और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों के इस्तकबाल के लिए इस्लामाबाद ने भी कमर कस ली है। साल 2011 में 100000 सैनिक थे और साल 2017 में इसकी संख्या घटाकर 8300 कर दी है। तीसरे दौर की त्रिकोणीय वार्ता का आयोजन आज इस्लामाबाद में होगा।

    त्रिकोणीय वार्ता का फोकस अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर होगी। साथ ही चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का विस्तार अफगानिस्तान तक करने पर भी चर्चा करेगा।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “तालिबान से समझौता होने की स्थिति में हम सैनिकों की संख्या को घटाकर 8600 कर देंगे और इतने सैनिक हमेशा वहां मौजूद रहेंगे। हमारा वहां पर अच्छी पकड़ रहेंगी।”

    करीब है और इसके तहत अमेरिका अफगानी सरजमीं से सैनिको को वापस बुलाएगा और इसके बदले में तालिबान आश्वस्त करेगा कि वह अपनी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकवादी समूहों को नहीं करने देगा।

    अफगानिस्तान में अभी अमेरिका के 14000 सैनिक मौजूद है और वह न्यूनतम स्तर तक सैनिको की संख्या को कम करने की कोशिश करेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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