पाकिस्तान की यात्रा पर आये संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्लाह बिन जायेद अल नहयान ने कहा कि “कश्मीर वो मसला नहीं जिस पर मुस्लिम समुदाय चिंतन करे बल्कि यह नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच का विवादित मामला है।”
यूएई और सऊदी अरब के विदेश मन्त्री बुधवार को इस्लामाबाद के दौरे पर आये थे और कश्मीर के मामले पर हुई थी। इस मामले का पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीयकरण करने में जुटा हुआ है। भारत ने जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटा दिया था।
खबर के मुताबिक, कुछ पाकिस्तानी अधिकारियो को यूएई के मंत्री की एकजुटता चाहिए थी लेकिन उन्होंने इस्लामाबाद को स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर को मुस्लिम समुदाय का मामला न बनाये। उन्होंने भारत और पाकिस्तान को वार्ता के जरिये इस मामले को हल करने की गुजारिश की थी।
अल नहयान और अल जुबैर ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और सेनाध्यक्ष जावेद कमर बाजवा के साथ मुलाकात की थी। हाल ही में यूएई ने पाकिस्तान के विरोध के बावजूद पीएम मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान आर्डर ऑफ़ जायेद से नवाजा था।
इस्लामिक सहयोग संगठन का यूएई पहला राष्ट्र है जिसने कश्मीर मामले पर भारत का समर्थन किया है। आर्टिकल 370 को हटाना यूएई ने भारत का आंतरिक मामला बताया था। सऊदी अरब के विदेश मंत्री भारत और इस्लामाबाद के बीच उपजे तनाव को कम करने के लिए पाकिस्तान की यात्रा की थी।
कश्मीरियों के साथ समर्थन के लिए पाकिस्तान ने कई मुल्को से मदद की गुजारिश की है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत बिगडती जा रही है, महंगाई और गरीबी का स्तर बढ़ता जा रहा है। इन सब मसलो का बावजूद पाकिस्तान की तवज्जो कश्मीर है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने एक महीने में तीन दफा संयुक्त राष्ट्र को इस मामले पर पत्र लिखा है।