ईरान ने दावा किया कि उन्होंने ब्रितानी जहाज स्टेना इम्पेरो से हिरासत में लिए क्रू सदस्यों में से सात भारतीयों को रिहा कर दिया है। इस जहाज को ईरान की रेवोल्यूशनरी सेना ने जिब्राल्टर के बंदरगाह से जब्त किया था।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने कहा कि हमे जहाज के क्रू सदस्यों और कप्तान से कोई दिक्कत नहीं है। इस जहाज को इसलिए रोक दिया गया क्योंकि उसने नियमो का उल्लंघन किया था और जहाज को क्रू के साथ जब्त करना सामान्य है।
उन्होंने कहा कि बहरहाल क्रू की राजनयिक पंहुच और व्यक्तिगत अनुमति की समीक्षा की गई थी। मानवीय आधारों पर कुछ क्रू सदस्यों को जहाज को छोड़ने की अनुमति और अपनी रोजाना की जिंदगी जीने के अनुमति दी गयी थी।
जहाज को संचालित करने वाले स्वीडन की कंपनी स्टेना बल्क की सीईओ एरिक हनेल ने कहा कि उन्हें ईरानी विभागों की तरफ से सूचना मिली है कि सात क्रू सदस्यों को रिहा कर दिया गया है। जहां तक हमे मालूम है वह अभी भी बोर्ड पर है और हम और जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि उन्हें सुरक्षित देश के बाहर कर दिया गया है या नही।
उन्होंने कहा कि हम बीते कुछ दिनों से ईरान के विभागों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं और आज हम ज्यादा सूचना मिलने की उम्मीद है।
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के बावजूद 19 जुलाई को स्टेना इमेपेरो को जब्त काट लिया गया था। इसमे 18 भारतीय सहित 23 क्रू सदस्य थे। भारत को हल ही में 18 क्रू सदस्यों तक राजनयिक पंहुच दी गई थी।
यह जहाज अभी बंदर शाहिद बनोहर मर मौजूद है जो ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह से कुछ ही दूरी पर स्थित है।