कुलभूषण जाधव को इस्लामाबाद ने सोमवार को राजनयिक पंहुच दी थी और उनसे भारत के उप उच्चायुक्त गौरव आलूवालिया ने मुलाकत की थी। पाकिस्तान की तरफ से उनके बारे में किए गए झूठे दावों की वजह से जाधव बेहद तनाव में है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने निर्णय लिया है कि गौरव आलूवालिया से पूरी जानकारी मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। आलूवालिया ने ही आईसीजे के निर्णय के तहत कुलभूषण जाधव से मुलाकात की थी।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने एक प्रेस नोट जारी करके बताया कि आज जो मुलाक़ात हुई, पाकिस्तान उसके लिए बाध्य था। भारत सरकार कुलभूषण जाधव को न्याय दिलाने और उन्हें स्वदेश सुरक्षित लाने के लिए प्रतिबद्ध है। पाकिस्तान ने वियना संधि, अंतरराष्ट्रीय अदालत के फ़ैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप कुलभूषण जाधव को राजनयिक पंहुच दी है।
उन्होंने कहा कि “आज इस्लामाबाद में भारतीय उप उच्चायुक्त ने कुलभूषण जाधव से मुलाकात की थी जो आईसीजे के निर्णय के मुताबिक थी। इसके तहत पाकिस्तान को वियेना संधि का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया था और पाकिस्तान को भारतीय पूर्व नौसेना अधिकारी को राजनयिक पंहुच देने का हुक्म सुनाया था।
प्रवक्ता ने कहा कि “यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान की तरफ से उनके बारे में किए गए झूठे दावों की वजह से जाधव बेहद तनाव में है। गौरव आलूवालिया से पूरी जानकारी मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी और आईसीजे के निर्देशों को पूरा करने के हक़ में है।”
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि “राजनयिक पंहुच दोपहर 12 बजे दी गयी थी और पाकिस्तानी सरकार के अधिकारियो की मौजूदगी में यह दो घंटो तक चली थी। भारत के आग्रह पर बातचीत की भाषा पर कोई पाबन्दी नहीं लगायी गयी थी। पारदर्शिता और प्रक्रया के तहत इस पंहुच को रिकॉर्ड किया गया है।”
रवीश कुमार ने कहा कि “विदेश मंत्री जयशंकर ने जाधव की मां से बात की थी और उन्हें इसके बारे में बताया। जाधव को न्याय दिलाने और सुरक्षित वापसी को सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध रहेंगी।”
आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को 1963 वियेना संधि का उल्लंघन करने का कसूरवार ठहराया था जिसके तहत राजनयिक पंहुच दी जाती है। पाकिस्तान जाधव को भारतीय राजनयिक के साथ वार्ता के उनके अधिकारों के बाबत बताने में असफल रहे थे।
जाधव पर पाकिस्तान ने जासूसी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लागाये हैं और भारत के काफी आग्रहों के बावजूद पाक ने जाधव को राजनयिक पंहुच की मंज़ूरी नहीं दी थी।