पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने दोबारा परमाणु युद्ध की धमकी दी है और उन्होंने संभावित दोनों परमाणु संपन्न देशो के बीच सैन्य संघर्ष की चेतावनी दी है। भारत ने जम्मू कश्मीर से व्सिहेश राज्य का दर्जा हटा लिया था। उन्होंने कहा कि “अगर विश्व कश्मीर और उसकी जनता पर भारत के अत्याचारों को रोकने के लिए कुछ नहीं करता तो दो परमाणु संपन्न मुल्क प्रत्यक्ष सैन्य संघर्ष के काफी नजदीक आ जायेंगे।”
उन्होंने कहा कि “शान्ति के लिए वार्ता शुरू करने के मेरे सारे प्रयासों को भारत ने विफल कर दिया है। 26 जुलाई 2018 को अपने पहले सार्वजानिक भाषण में मैंने कहा था कि मैं भारत के साथ शान्ति चाहता हूँ और अगर वह एक कदम आगे बढाते हैं तो मैं दो कदम बढ़ाऊंगा।”
दोनों देशो के विदेश मंत्रियों की बैठक सितम्बर 2018 में यूएन महासव्हा के इतर आयोजित की गयी थी लेकिन भारत ने इस बैठक को रद्द कर दिया था। यह मीटिंग शाह महमूद कुरैशी और सुषमा स्वराज के बीच न्यूयोर्क में होनी थी लेकिन जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कर्मी के अपहरण और हत्या के बाद इसे रद्द कर दिया गया था।
पाक पीएम ने कहा कि “भारत की सरकार पाकिस्तान पर आरोप लगाती है हमने सबूत की मांग की तो पीएम मोदी ने पाकिस्तान में वायु सेना के विमानों को भेज दिया था। नरेंद्र मोदी ने हमारी शान्ति की इच्छा को गलत ढंग से ले लिया है। हम नए भारत के खिलाफ है जिसका नेतृत्व ऐसे नेता और पार्टी करती है जो हिंदुत्व की विचारधारा आरएसएस के उत्पाद है।”
उन्होंने भारतीय संविधान से अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाने पर आपत्ति दर्ज की थी जो जम्मू कह्स्मिर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है। उन्होंने दावा किया कि भारत के संविधान के तहत यह कदम गैरकानूनी है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् और शिमला समझौते के खिलाफ है।” भारत ने इन सभी दावो को खारिज किया और जम्मू कश्मीर के हालिया निर्णय को भारत का आंतरिक मामला करार दिया है।