भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने गुरुवार को फ्रांस के समकक्षी इम्मानुएल बोन्न से गुरुवार को मुलाकात की थी। हाल ही पीएम नरेंद्र मोदी ने जी 7 के सम्मेलन में फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन से मुलाकात की थी।
इस दौरान दोनों नेताओं ने पुष्टि की कि भारत को पहले रफाल लड़ाकू विमान का खेप सिंतबर में सौंपी जाएगी। सिंतबर 2016 में भारत ने फ्रांस की सरकार और दसॉल्ट एविएशन के साथ 36 रफाल विमानों के लिए समझौता किया था।
अधिकारियों ने बताया कि फ्रांस वायुसेना द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे रफाल से भारतीय रफाल काफी एडवांस है। इसी कारण अगले मई तक भारतीय पायलटो के प्रशिक्षण के लिए इस विमान के इस्तेमाल किया जाएगा।
भारत को मिलने वाले पहले राफेल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ खुद फ्रांस स्थित मैन्युफेक्चरिंग प्लांट बोर्डो लेने जाएंगे। वायुसेना राफेल की स्क्वाड्रन को हरियाणा के अम्बाला और बंगाल के हाशीमारा एयरबेस पर तैनाती करेगा।
भारत और फ्रांस के बीच 2016 में 7.8 अरब यूरो की कीमत के साथ 36 राफेल विमान देने को लेकर करार हुआ था।
भारत और फ्रांस रणनीतिक साझेदार हैं। कश्मीर मुद्दे पर पेरिस ने नई दिल्ली का समर्थन किया है। दोनों देश मजबूत रक्षा संबंधों के अलावा जलवायु परिवर्तन पर एक जैसी सोच रखते हैं।