अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि “चीन शांतिपूर्ण वार्ता में वापस आने के लिए इच्छुक है और दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को जल्द ही उनके बीच जारी व्यापार द्वन्द को खत्म होते हुए देखना है।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने व्यापार युद्ध के युद्ध की बावजूद समझौते को मुकम्मल करने की चीनी नेता शी जिनपिंग इच्छा की प्रशंसा और स्वागत किया है। मीडिया की खबर के अनुसार, ट्रम्प ने कहा कि बीज़िंग ने कल रात “हमारे शीर्ष व्यापार प्रतिनिधियों को बुलाया और कहा कि वार्ता पर वापस आ जाते है तो हम वापस आ रहे हैं और मेरे ख्याल से वे कुछ करना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि “अमेरिकी शुल्कों से चीनी निर्यात को बेहद नुकसान हुआ है, लेकिन यह समझें कि यह सही बात है और इसके लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है। यह दुनिया के लिए बेहद सकारात्मक विकास है। वे बहुत बुरी तरह से आहत हुए हैं लेकिन वे समझते हैं कि यह करना सही है।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “मुझे लगता है कि हम एक सौदा करने जा रहे हैं।” ट्रंप ने रविवार को कहा कि “चीन और अमेरिका आखिरकार अच्छे तरीके से बातचीत को दोबारा शुरू कर दिया है।”
उन्होंने कहा कि “अभी हम चीन के साथ बहुत अच्छी तरह से मिल रहे हैं, हम बात कर रहे हैं। मुझे लगता है कि वे समझौते के लिए मुझसे ज्यादा उत्सुक है। शुल्क से मुखे काफी पैसा मिल रहा है, जो अरबो में हैं। हमने कभी चीन से 10 प्रतिशत नहीं लिया है। इसलिए हम देखेंगे कि क्या होता है।”
जी 7 शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि “उम्मीद है कि वह 1 अक्टूबर को 250 अरब डॉलर के उत्पादों पर 25 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक के चीनी आयात पर शुल्क बढ़ाएंगे।”
रविवार को उन्होंने कहा कि “वह चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। कई मायनों में यह एक आपातकालीन स्थिति है। मैं एक राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकता हूं, मुझे लगता है कि जब वे चोरी करते हैं और बौद्धिक संपदा की चोरी होती है तो प्रतिवर्ष 300 अरब डॉलर से 500 अरब डॉलर हो जाते हैं और हमे कई वर्षों के लिए लगभग एक ट्रिलियन डॉलर प्रति वर्ष की कुल हानि होती रही है।”
अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्टीवन मेनुचिन ने भी अनुचित व्यापार नियमों के लिए चीन के खिलाफ ट्रम्प के प्रयासों की हौसलाफजाई की थी और रविवार को जी 7 शिखर सम्मेलन के मौके पर मन्नुचिन ने कहा कि “हम उनके साथ मुक्त व्यापार नहीं कर सकते हैं।”