विवादित धार्मिक उपदेशक जाकिर नाइक ने गैर मुस्लिमो के खिलाफ दिए आपत्तिजनक बयान पर माफ़ी मांग ली है। उन्होंने कहा कि “इसने मुझे उदास किया है कि सभी गैर मुस्लिमो को लगा कि मैं जातिवादी हूँ। इसने मुझे परेशान कर दिया कि जिन्हें इससे आघात पंहुचा था उन्होंने मेरे भाषण को नहीं सुना था लेकिन मेरे बयान से एक अलग ही धारणा बना ली थी।”
उन्होंने कहा कि ”मेरा इरादा कभी किसी व्यक्ति या समुदाय को आहत करना नहीं था। यह इस्लाम के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और इस गलतफहमी के लिए मैं दिल से माफी मांगता हूं। मैं अपने खिलाफ आपके जहन में बुरे भावनाएं नहीं चाहता हूँ। किसी भी समुदाय या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पंहुचाना कभी मेरा मकसद नहीं रहा है।”
मलेशिया के प्रधानमन्त्री महातिर मोहमद ने कहा कि “हमें उसे ऐसे भाषणों को देने से रोकने के लिए कार्रवाई करनेकी जरुरत है जो एक दूसरे के प्रति नफरत को बढ़ाएगा। मुझे सार्वजानिक माफ़ी के की मांग के बारे में कुछ मालूम नहीं है। मुझे नहीं लगता कि यह अधिकतर लोगो के गुस्से को शांत कर सकेगा।”
उन्होंने कहा कि ‘इस मामले की गंभीरता की जांच की जिम्मेवारी हमें पुलिस पर छोड़ देनी चाहिए। नाइक के बयान का के दलों ने विरोध किया था क्योंकि उसने भारत मे मुस्लिमो की तुलना मलेशिया में हिंदुओ से की थी। उसने कहा था कि भारत मे मुस्लिमो के मुकाबले हिन्दू मलेशिया में 100 प्रतिशत से अधिक अधिकारों का लुत्फ उठा रहे हैं ।
भारत ने बताया कि उन्होंने मलेशिया की सरकार से नाइक के प्रत्यर्पण का आधिकारिक आग्रह किया है और ऐसा करना जारी रखेंगे। मलेशिया में 60 प्रतिशत नागरिक मुस्लिम है और शेष अल्पसंख्यक भारतीय और चीनी नागरिक है, जिसमे अधिकतर हिन्दू है।