रूस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि “अमेरिका ने क्रूज मिसाइल का परीक्षण करके सैन्य तनाव को बढ़ा दिया है। इससे हथियार की दौड़ में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।”
पेंटागन ने सोमवार को क्रूज मिसाइल को लांच करने का ऐलान किया था जिसने 500 किलोमीटर के दायरे को पार कर अपने लक्ष्य को भेदा था। साल 2015 की अंतरराष्ट्रीय हथियार संधि को तोड़ने के बाद यह इस प्रकार का पहला परिक्षण था।
रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि “यह सब कुछ खेदजनक है, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से सैन्य तनाव को बढ़ाने के लिए कदम उठाया है। हम उकसावे में नहीं आएंगे। हमने अपने मुल्क को महंगी हथियारों की दौड़ में शामिल होने की अनुमति नहीं दी है।”
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु संधि के तहत 500 किमी से 5500 किमी के बीच की सीमा के साथ जमीन आधारित मिसाइल के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे दोनों देशो के परमाणु हमले की काबिलियत को रोक दिया था।
रयाबकोव ने कहा, कि प्रक्षेपण के बावजूद मॉस्को ने तब तक नई मिसाइलों को तैनात नहीं करेगा जब तक कि वाशिंगटन इसमें पहल नही करता है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने अमेरिकी मिसाइल के परिक्षण पर गहरी चिंता व्यक्त की थी।
उन्होंने कहा कि “प्रक्षेपण से पता चलता है कि अमेरिका हथियारों की एक नई दौड़ की शुरुआत कर रहा है। साथ ही इससे वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
रूस ने इस संधि को एकतरफा तोड़ने का कसूरवार अमेरिका को ठहराया था। फरवरी की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 60 दिनों तक रूस के समझौते का पालन करने में असमर्थ होने के बाद आईएनएस संधि के प्रति अपने दायित्वों को रद्द कर दिया है।