Thu. Nov 28th, 2024
    गुरप्रीत सिंह संधू

    कोलकाता, 20 अगस्त (आईएएनएस)| अर्जुन अवॉर्ड जीतने के बाद आत्मिविश्वास से भरे भारतीय फुटबाल टीम के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू का कहना है कि वह फीफा विश्व कप के लिए होने वाले एशियन क्वालीफायर्स के दूसरे राउंड में अपना 100 प्रतिशत देने के लिए तैयार हैं और उनकी युवा टीम मजबूत प्रतिद्वंद्वियों से डरती नहीं है। फीफा विश्व कप वर्ष 2022 में कतर में होगा।

    भारतीय टीम क्वालीफायर में पांच सितंबर को गुवाहाटी में ओमान से भिड़ेगी। इसके बाद, कतर के खिलाफ सबसे मुश्किल अवे मैच खेलेगी। भारत के ग्रुप-ई में दो अन्य टीमें अफगानिस्तान और बांग्लादेश है।

    गुरप्रीत ने आईएएनएस को कहा, “पहले दो मैच मुश्किल हैं, लेकिन मेरे मुताबिक हर मुकाबला मुश्किल होगा। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम अपनी काबिलियत पर खेले और इन दो मुकाबलों में अच्छा खेलकर सकारात्मक शुरुआत करें। हमें अपनी काबिलियत पर विश्वास होना चाहिए।”

    यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों मैच सबसे मुश्किल हैं, गुरप्रीत ने कहा, “मैं दूसरे व्यक्ति की तरह भविष्य नहीं बता सकता, लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि पिच पर जाने के बाद हम अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे। हमने पहले यह दिखाया है कि हम मैच जीत सकते हैं और विरोधियों को परेशानी में डाल सकते हैं।”

    वर्ल्ड रैंकिंग में 103वें पायदान पर काबिज भारतीय टीम ने 2018 विश्व कप क्वालीफायर्स में भी ओमान का सामना किया था और उसे 1-2 एवं 0-3 से हार झेलनी पड़ी थी।

    गुरप्रीत ने कहा, “जब कोई नई सोच आती है तब उन्हें स्थिति के अनुकूल होने और यह जानने में समय लगता है कि वह किन चीजों का उपयोग कर सकते हैं। इगोर स्टीमाक के मार्गदर्शन में पहले पांच मैचों में हमने यहीं देखा। कोच ने कहा है कि वह जानते हैं कि हमारे पास क्या है और क्या नहीं है।”

    गुरप्रीत केवल चौथे ऐसे गोलकीपर है जिन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है। सुबर्ता पॉल (2016), ब्रह्मानंद संकेतवाल (1997) और दिवंगत पीटर थंगराज (1967) को भी यह पुरस्कार मिल चुका है।

    यह सम्मान मिलने पर गुरप्रीत ने कहा, “मुझे बेहतरीन महसूस हो रहा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे जीवन में ऐसा क्षण देखने को मिलेगा। मैं बहुत सम्मानित और विनम्र महसूस कर रहा हूं।”

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *