चाँद पर चंद्रयान-2 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग पर भारत में इज़राइल दूतावास को ट्वीट किया था। उन्होंने कहा कि “चंद्रयान 2 के चंद्र ऑर्बिट सम्मेलन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए भारत और टीम इसरो को बधाई। अगले महीने चंद्रमा पर एक सफल और सोफ्ट लैंडिंग के लिए शुभकामनाएँ।”
चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से रॉकेट बाहुबली के जरिए प्रक्षेपित किया गया था। इससे पहले 14 अगस्त को चंद्रयान-2 को ट्रांस लूनर ऑर्बिट में डाला गया था। यानी वह लंबी कक्षा जिसमें चलकर चंद्रयान-2 चांद के करीब पहुंच रहा है।
लॉन्चिंग के 16.23 मिनट बाद चंद्रयान-2 पृथ्वी से करीब 170 किमी की ऊंचाई पर जीएसएलवी-एमके3 रॉकेट से अलग होकर पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहा था। इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 के लॉन्च को लेकर काफी बदलाव किए थे।
चंद्रयान 2 अगले महीने चाँद पर लैंडिंग करने की कोशिश करेगा और तेल अवीव ने इस अभियान के सफल होने की बधाई दी थी। इसके बाद 11 दिन यानी 31 अगस्त तक वह चांद के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। फिर 1 सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चांद के दक्षिणी ध्रुव की तरफ यात्रा शुरू करेगा।
इसके बाद लैंडर विक्रम कक्षा से अलग हो जाएगा और चांद के चारों तरफ 100 किलोमीटर गुणा 30 किलोमीटर की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा। इसरो ने कहा, “इसके बाद यह सात सितंबर 2019 को चांद के दक्षिण ध्रुव क्षेत्र में प्रवेश करेगा।”