अमेरिका के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को कश्मीर मसले का हल द्विपक्षीय तरीके से भारत के साथ हल करने के लिए कहा था लेकिन इसके बावजूद इस्लामाबाद ने एक बार फिर कश्मीर विवाद पर मध्यस्थता के लिए वांशिगटन के दरवाजो को खटखटाया है।
शाह महमूद कुरैशी ने रेडियो पाकिस्तान के हवाले से कहा था कि “अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान से बातचीत की थी। हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति ट्रम्प और अमेरिका कश्मीर संकट को हल करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”
भारत ने सत्ताधारी भाजपा सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था जो जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है। भारतीय संसद ने इस विधेयक के माध्यम से जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो विभागों में विभाजित कर दिया है।
वार्ता के दौरान कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार निगरानी समूह से कश्मीर का दौरा करने का आग्रह किया था और इस भयावह हालातो का जायजा लेने का का अनुरोध किया था। भारत के कदम के बाद पाकिस्तान ने कुरैशी को बीते हफ्ते चीन की यात्रा पर भेजा था और इस मामले पर यूएनएससी एक तत्काल बैठक की मांग की थी।
इमरान खान के साथ वार्ता के दौरान दोप्नाल्ड ट्रम्प ने स्पष्ट कर दिया था कि कश्मीर मसले को पाकिस्तान को भारत के साथ द्विपक्षीय तरीके से हल करना चाहिए। भारत ने निरंतर कहा कि जम्मू कश्मीर बहरत का आंतरिक मामला है और इसे द्विपक्षीय तरीके से हल किया जायेगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच नई दिल्ली के ऐतिहासिक कदम से तनाव काफी बढ़ गया था। भारत ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया था जो जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता था। अब लद्दाख और जम्मू कश्मीर को दो अलग केन्द्रशासित प्रदेशो का दर्जा दे दिया है।
पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की भरसक कोशिश की थी लेकिन वह इसमें कामयाब न हो सका था।