पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कश्मीर मामले पर बैठक का स्वागत किया था। एक ट्वीट कर उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के हालातों पर यूएनएससी की गंभीर चर्चा पा में स्वागत करता हूँ। यह बीते 50 सालों में पहली बार है कि विश्व का सबसे बड़ा कूटनीतिक मंच ने इस मामले पर ध्यान दिया है।
खान ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र की जिमेमदारी है कि कश्मीर मामले को हल किया जाए। शुक्रवार को यूएनएससी ने कश्मीर मामले पर गुप्त बैठक का आयोजन किया था। पाकिस्तान की तरफ से चीन ने इस बैठक को बुलाने की मांग की थी।
बहरहाल, चीन और पाकिस्तान यूएनएससी की गुप्त बैठक में बुरी तरह नाकाम हुए हैं। परिषद के अधिकतर सदस्यों ने कश्मीर पर पाकिस्तान के रवैये को खारिज किया है।
कश्मीर मामले पर अपनी स्थिति को दोहराते हुए भारत ने निरंतर तीसरे पक्ष की दखलंदाज़ी को खारिज किया है और इसरै अपना आंतरिक मामला बताया है। साथ ही सभी मतभेदों को द्विपक्षीय तरीक़े से हल करने की मांग की है।
भारत के निर्णय के खिलाफ पाकिस्तान ने बौखलाहट में कई कदम उठाये हैं। पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी राजनयिक संबंधो को तोड़ दिया है। साथ ही द्विपक्षीय व्यापार को भी निलंबित कर दिया है। इसके जवाब में नई दिल्ली ने इस्लामाबाद से उसके फैसले की समीक्षा करने की गुजारिश की है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों के अधिकतम संयमता बरतने का आग्रह किया था साथ ही लाइन ऑफ़ कंट्रोल में शान्ति और स्थिरता को सुनिश्चित केरने का अनुरोध किया है। भारत की संसद ने मंगलवार को आर्टिकल 370 को हटाने के विध्रेयक को पारित कर दिया गया था और जम्मू कश्मीर को दो केन्द्रशासित प्रदेशो का दर्जा दिया गया था।
पाकिस्तान ने अपने यहां भारतीय फिल्मों व ड्रामों के पाक में प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही द्विपक्षीय कारोबार पर भी बैन लगा दिया है। पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस के आवागमन को भी रोकने का फैसला किया है।