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    नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)| भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी वी.बी. चंद्रशेखर ने चेन्नई में आत्महत्या कर ली। उनके निधन पर पूरे क्रिकेट जगत में शोक का मौहाल है।

    चंद्रशेखर के परिवार के सदस्यों के मुताबिक, वह क्रिकेट लीग की टीम को चलाने में हो रहे नुकसान से दुखी थे और इसलिए उन्होंने गुरुवार को आत्महत्या कर ली। वह तमिलनाडु क्रिकेट लीग में वीबी कांची वीरंस के मालिक थे। साथ ही वह कोचिंग सेंटर भी चलाते थे।

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका शरीर उनके कमरे में पंखे से लटका मिला।

    भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताते हुए लिखा, “बीसीसीआई को यह बात बताते हुए दुख हो रहा है कि वीबी चंद्रशेखर का निधन हो गया है। उनके परिवार, दोस्तों और प्रंशसकों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं।”

    भारत के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस. लक्ष्मण ने ट्वीट कर लिखा, “अपने जिगरी दोस्त चंद्रशेखर के निधन की खबर सुनकर काफी दुखी हूं। उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।”

    भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने ट्वीट किया, “बेहद दुखद खबर..वीबी..बहुत जल्दी चले गए। हैरान हूं। परिवार और दोस्तों को मेरी संवेदनाएं।”

    चेन्नई सुपर किंग्स के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने कहा, “दुखद दिन और क्रिकेट परिवार का बड़ा नुकसान। वीबी भगवान आपकी आत्मा को शांति दे।”

    सुरेश रैना ने लिखा, “चंद्रशेखर के निधन की खबर सुनकर काफी दुखी हूं। उनके लगातार प्रयासों के कारण ही चेन्नई सुपर किंग्स को सही बुनियाद मिली थी। उन्होंने शुरुआत से ही हमें प्रोसाहित किया और हम पर भरोसा रखा।”

    चंद्रशेखर अपने पीछे अपनी पत्नी और दो बेटियों को छोड़ गए हैं। उन्होंने 1988 से 1990 में भारत के लिए सात वनडे मैच खेले।

    वनडे में उनके नाम एक अर्धशतक दर्ज है, जो उन्होंने इंदौर में न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया था।

    चंद्रशेखर ने 81 प्रथम श्रेणी मैचों में 4999 रन बनाए जिसमें नाबाद 237 रन उनका उच्चतम स्कोर रहा। वह आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के मैनेजर भी थे।

    चंद्रशेखर में मार्च 1988 में तमिलनाडु से खेलते हुए शेष भारत के खिलाफ 56 गेंदों पर अर्धशतक जमाया था। यह उस समय भारत के घरेलू क्रिकेट में लगाया गया सबसे तेज शतक था।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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