भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को चीनी उपराष्ट्रपति वांग किशन से मुलाकात की थी। साथ ही चीनी नेता के साथ संबंधों को मज़बूत करने पर चर्चा की थी। जयशंकर चीन की तीन दिवसीय अधिकारिक यात्रा पर है। वह भारत-चीन उच्च स्तर मैकेनिज्म की दूसरी बैठक का सह अध्यक्षता करेंगे। उन्होंने कहा कि “चीन के साथ भारत के सम्बन्ध क्षेत्र में स्थिरता का कारक है।”
मई में विदेश मंत्री का पदभार सँभालने के बाद जयशंकर की यह पहली चीनी यात्रा है। वांग ने विदेश मंत्री का इस्तकबाल किया था और कहा कि वह साम्यवादी राष्ट्र में आकर खुश है। मैं बेहद प्रसन्न हूँ कि मेरे शुरूआती कार्यकाल में मुझे चीन की यात्रा करने का अवसर मिला था।”
जयशंकर की यात्रा भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान हुई है। बीते हफ्ते भारत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था और इसकी इस्लामाबाद ने कडू आलोचना की थी। भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को निलंबित करना भी शामिल है।
भारत ने लद्दाख और जम्मू कश्मीर को दो अलग केन्द्रशासित प्रदेश के तौर पर दर्जा दिया था। जयशंकर की यात्रा से पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने चीन की यात्रा की थी और चीनी समकक्षी के साथ कश्मीर मुद्दे को उठाया था।
वांग के साथ मुलाकात में कुरैशी ने मांग की कि “इस वक्त विश्व अत्यधिक अनिश्चित है, हमने यकीन है कि हमारे सम्बन्ध इस इलाके में स्थिरता का कारक होगा।” चीन ने हाल ही में 370 को हटाने के सरकार के निर्णय की आलोचना की थी। भारत ने बयान जारी कर कहा कि यह कदम एक आंतरिक मामला है।”
11 से 13 अगस्त तक की जयशंकर की यात्रा भारत और चीन के आला नेताओं के बीच दूसरी अनौपचारिक मुलाकात की तैयारी करने के लिए है। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पहली अनौपचारिक मुलाकात वुहान में बीते वर्ष आयोजित हुई थी।