संयुक्त राष्ट्र ने गुरूवार को जम्मू कश्मीर पर हालिया पाबन्दी पर चिंता व्यक्त की है और कहा कि “इस इलाके में मानव अधिकार के हालात बिगड़ सकते हैं।” यूएन के महासचिव के प्रवक्ता स्टेफेन दुज्जरिक ने कहा कि “महासचिव जम्मू कश्मीर के हालातो पर निगाह बनाये हुए हैं और अधिकतम संयमता बरतने की गुजारिश की है।”
दुज्जरिक ने कहा कि “महासचिव ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर 1972 में हुए शिमला समझौते का जिक्र किया जो यह कहता है कि जम्मू कश्मीर पर कोई भी हल संयुक्त राष्ट्र के नियमो के मुताबिक शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जायेगा। गुतारेस ने यह भी कहा कि सभी पक्ष ऐसे कदम उठाने से बचें जो जम्मू कश्मीर की स्थिति को प्रभावित करते हों।”
साथ ही महासचिव ने भारत और पाकिस्तान से ऐसे कदम न उठाने का आग्रह किया है जो जम्मू कश्मीर के दर्जे को प्रभावित करे। हाल ही में भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 यानी विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया था और लद्दाख को एक केन्द्रशासित प्रदेश बनाने के लिए विधेयक पारित किया था।
इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी हद तक बढ़ गया था। नई दिल्ली के निर्णय से बौखलाकर इस्लामाबाद ने भारत के इस कदम को ख़ारिज किया था और इसके खिलाफ हर संभव विकल्प को अपनाने का सांकल लिया था।
पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के साथ सभी द्विपक्षीय संबंधों को को खत्म कर दिया था और द्विपक्षीय व्यापार गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान से उसके फैसले की समीक्षा करने की मांग की थी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों पक्षों से संयमता बरतने का आग्रह किया था और लाइन ऑफ़ कंट्रोल के नजदीक शान्ति और स्थिरता को सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
बीते दिन पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत यदि अनुच्छेद-370 पर फैसला वापस लेता है तो हम दोबारा राजनयिक रिश्ता भी स्थापित कर लेंगे। भारत के जम्मू कश्मीर से 370 आर्टिकल को हटाने के बाद भारत सरकार के फैसले से बौखलाए पाकिस्तान ने अपने यहां भारतीय फिल्मों व ड्रामों के पाक में प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।