अक्षय कुमार बॉलीवुड के उस चुनिंदा सितारों में से एक हैं जो अपनी छवि को लेकर चिंतित नहीं हैं। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने ‘ढिशूम’ में एक समलैंगिक किरदार निभाया है, ‘लक्ष्मी बम’ में ऐसा किरदार जिस पर एक ट्रांसजेंडर भूत का साया है और खुशी से महिलाओं को ‘मिशन मंगल’ का नेतृत्व करने दे रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें कभी इस तरह का सिनेमा न करने के लिए कहा गया है, अक्की ने हामी भरी।
उनके मुताबिक, “मुझे कई बार सलाह दी गई है कि मैं कुछ फिल्में न करूं। मुझे ‘पैडमैन’ और ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ नहीं करने की सलाह दी गई थी। इंडस्ट्री की बड़ी हस्तियों ने मुझे ये बताया। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरी भूमिका कितनी है। मैं एक ऐसी फिल्म का हिस्सा बनना चाहता हूँ जो एक बेहतरीन कहानी हो। अगर यह एक अच्छी फिल्म है तो मैं एक छोटी सी भूमिका करने के लिए तैयार हूँ। मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी यदि फिल्म में किसी और की मुझसे बड़ी भूमिका है, बशर्ते कि स्क्रिप्ट अच्छी हो।”
“जब मैंने ‘खाकी’ की, तो मैं अंतराल के दौरान मर गया था। यह सब कोई मायने नहीं रखता। ऐसी कई फ़िल्में मैंने की हैं जहाँ मेरे साथ हीरोइन भी नहीं थी। अगर ऐसा सिनेमा है जो मुझे लगता है कि कोई बदलाव ला सकता है, तो मैं खुशी से इसे करूँगा।”
लेकिन अक्षय को लगता है कि ये कुछ ऐसा है है जो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की नस्ल में है। उन्होंने साझा किया-“इस तरह की सोच हॉलीवुड में नहीं है। ये इस फैशन में फिल्मो के बारे में नहीं सोचते। लेकिन यहाँ ये होता है। मैं इंसान का नाम तो नहीं लूंगा लेकिन ये अभिनेता दो हीरो वाली फिल्म कर रहा है। उसने निर्माता को बताया कि ‘पहले मेरा एक सोलो फोटो आएगा’, फिर अगले हफ्ते दोनों का साथ में आएगा’। सोलो क्यों? क्योंकि वह दिखाना चाहता है कि वह मुख्य हीरो है बल्कि ये दो हीरो वाली फिल्म हो। सोच एक सोलो पोस्टर तक सीमित रह गयी है। मैं इसे सुनकर बहुत हैरान रह गया था।”
अक्षय की आगामी फिल्म ‘सूर्यवंशी’ में रणवीर सिंह और अजय देवगन भी नजर आएंगे। खिलाड़ी कुमार ने कहा-“वे सब ‘सूर्यवंशी’ में कैमियो कर रहे हैं। लेकिन फिर भी ऐसी कोई फिल्म नहीं है जैसे ‘अमर अकबर एंथनी’ थी। पहले बनती थी, मैंने ऐसे फिल्में सुनील शेट्टी, सैफ अली खान और बाकियो के साथ की है। अब मुझे नहीं पता हम ऐसा क्यों नहीं करते। लोग अब दूसरे अभिनेता के साथ काम नहीं करना चाहते।”
उनसे पूछें कि आज अभिनेताओं में इस तरह का व्यवहार कैसे आता है और वे बताते हैं, “मुझे नहीं पता। यह असुरक्षा से उपजा होगा। यह दरअसल में बजट के बारे में नहीं है। पहले बजट मायने नहीं रखते क्या? मैं सभी से अनुरोध करूंगा कि दो हीरो या तीन हीरो वाली फिल्में करें। यह मायने नहीं रखता। फिल्म करें अगर आपको स्क्रिप्ट अपनी भूमिका पसंद आती हैं। मैं यह समझने में नाकाम हूँ कि वे क्यों नहीं करते। मैंने सात हीरो के साथ भी काम किया है, ‘जानी दुश्मन’ में।”