मधुर भंडारकर की ‘इंदु सरकार’ आये दिन नयी नयी सुर्खियों में नज़र आ रही है। हाल फिलहाल की खबर यह है कि एक सामाजिक कार्यकर्ता ने पुणे में फिल्म रिलीज़ को रोकने के लिए याचिका लगायी है ।
इस कार्यकर्ता, अनवर शेख ने न केवल मधुर भंडारकर बल्कि फिल्म में अहम भूमिकाओं में नज़र आ रहे कलाकारों को भी अदालत में घसीटा है।
फिल्म में 1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के समय लगी इमरजेंसी के हालात को दर्शाया गया है। इस पर, अनवर शेर का कहना है कि इससे पूर्वे प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के सयोजकों की संवेदनाओं को ठेस पहुंच सकती है। उन्होंने अपनी याचिका में यह भी फ़रमाया कि इस फिल्म की रिलीज़ से देश में गंभीर हालात भी पैदा हो सकते है।
आगे, अनवर ने अनुपम खेर को अपने शब्दों द्वारा आम जनता की भावनाओं को भड़काने का कसुरवार भी ठहराया। इस याचिका की कोर्ट में सुनवाई सोमवार यानी 24 जुलाई, 2017 को होगी।
राजनितिक विषयों पर फिल्म बनाना इतना आसान नहीं होता। यह, मधुर भंडारकर से बेहतर कौन समझ सकता है? जब से ‘इंदु सरकार’ का ट्रेलर रिलीज़ हुआ है, ना जाने कहा कहा के लोगों ने इसका विरोध किया है। मधुर तो मात्र उस ज़माने की वास्तविकता से लोगों को अवगत करवाना चाहते है। इसमें कहा कुछ गलत है।
पहले भी, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फिल्म की पुणे और नागपुर प्रेस कांफ्रेंस में विरोध करके, कांफ्रेंस को होने से रोक दिया था।
यह फिल्म आखिरकार 28 जुलाई, 2017 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी।