विश्व बलोच महिला फोरम की नेता प्रोफेसर नायला कादरी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पत्र लिखा है। इस पत्र में बलूच नेता ने ट्रम्प से बलूचिस्तान मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। प्रोफेसर नायला कादरी ने बलूचिस्तान लोगों के साथ पाकिस्तान की तरफ से किए जा रहे अत्याचारों को पत्र में लिखा।
कादरी ने पत्र में लिखा कि पाकिस्तान के अधिकारियों के नृशंस व्यवहार और इस्लामाबाद-बीजिंग संबंधों के कारण उनके बलूच संसाधनों का लूट लिया है। साथ ही पाकिस्तान सेना द्वारा बलूचिस्तान में बलूच नागरिकों का अपहरण, हत्या, हिंसा व रेप किया जा रहा है।
अपने पत्र में प्रोफेसर नहेला ने लिखा है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान से बेहद लाभान्वित है और इसके बदले वो क्षेत्र के स्थानीय लोगों पर अत्याचार कर रहा है। पत्र में नायदा कादरी ने कहा है कि बलूचिस्तान के ऊपर पहले तो पाकिस्तान के द्वारा ही अत्याचार किए जा रहे थे, अब तो चीन भी बलूच लोगों पर अत्याचार कर रहा है।
चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) की वजह से बलूचिस्तान के संसाधनों को लूटा जा रहा है। पाकिस्तान के साथ मिलकर चीन रणनीतिक रूप से बलूच लोगों को परेशान करने पर उतारू है।
अफगानिस्तान में आतंकवाद के लिए पाक जिम्मेदार
बलूच नेता ने राष्ट्रपति ट्रम्प को लिखे पत्र में कहा है कि पाकिस्तान इस क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी समूहों को सुरक्षित आवास प्रदान करने के लिए करता है जो अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों पर हमला कर रहे है।
बलूच नेता ने कहा कि अभी तो पाकिस्तान आतंकियों को कराची बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान में मदद पहुंचा रहा है। लेकिन वो अब बलूचिस्तान के साथ भी ऐसा ही करना चाहता है।
बलूच नेता ने पत्र में ट्रम्प को वादा किया है कि अगर बलूचिस्तान स्वतंत्र हुआ तो वो अफगानिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देगा, जो अभी पाकिस्तान कर रहा है। पाकिस्तान, बलूचिस्तान की जमीन का जबरन उपयोग करके ही तालिबान की मदद कर रहा है जो कि अफगानिस्तान में इतने सारे अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने के लिए जिम्मेदार है।
अमेरिका से मदद की मांग करते हुए बलूच नेता ने कहा कि स्वतंत्र बलूचिस्तान क्षेत्र में चीनी प्रभाव को भी कम कर देगा। अंत में बलूच नेता ने पत्र में कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान को निर्देश देने चाहिए कि वो निर्दोष बलूच लोगों पर अत्याचार को तुरंत बंद करे।