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    चीन

    चीन ने बुधवार को ताइवान पर दबाव को बढ़ा दिया है और स्वायत्त लोकतान्त्रिक द्वीप में यात्रा अनुमति को निलंबित करने का ऐलान किया है और इसका कारण मौजूदा जलमार्ग सम्बन्ध है। साम्यवाद बीजिंग और तायपेई के बीच सम्बन्ध राष्ट्रपति त्साई इंग वेन के साल 2016 में सत्ता में आने के बाद काफी खराब हुए हैं क्योंकि उनकी सरकार ने एक चीन का भाग बनने के विचार को ख़ारिज कर दिया था।

    चीन-ताइवान की दुश्मनी

    बीजिंग ने अधिकारिक संवाद बंद कर दिया है और सैन्य अभ्यासों को तीव्र कर दिया है। ताइवान पर दबाव को बढाने के लिए बीजिंग ने अपने कूटनीतिक सहयोगियों को ताइवान के साथ सम्बन्ध खत्म करने के लिए दबाव बनाया है। जनवरी में राष्ट्रपति चुनावो का आयोजन की तैयारी ताइवान कर रहा है। बीजिंग समर्थक विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार हान कुओ यू इस चुनाव में पछाड़ सकते हैं।

    एक कार्यक्रम चीनी नागरिकों को 47 मुख्यभूमि शहरो को ताइवान के वीजा की अनुमति देता है। क्या आप जानते है कि यहा दो चीन है? पीपल रिपब्लिक ऑफ़ चीन और रिपब्लिक ऑफ़ चीन (जिसे ताइवान कहते है), यहा उनका इतिहास है और उनके बीच सम्बन्ध बेहद जटिल है।

    पर्यटन मंत्रालय ने बयान में कहा कि उनका वीजा जारी करना मौजूदा संबंधों के कारण गुरूवार से रद्द किया जायेगा। यह कदम द्वीप की अर्थव्यस्था को प्रभावित कर सकता है। इस बयान में समूह की यात्रा की पाबन्दी के बाबत नहीं बताया गया है। ताइवान में मुख्यभूमि के पर्यटकों के ग्राफ में कमी आई है।

    इस वर्ष के पहले छह महीने में मुख्यभूमि से पर्यटकों की संख्या करीब 30 प्रतिशत है। केटीएम ने साल 2018 में स्थानीय चुनावो को जीता था। साल 1949 के गृह युद्ध से ताइवान एक कथित संप्रभु राष्ट्र रहा है लेकिन चीन अभी भी द्वीप को अपने देश का हिस्सा मानता है और द्वीप पर नियंत्रण का संकल्प लिया है।

    62  वर्षीय हान ने रविवार को एक स्पीच में कहा कि “चीन के साथ शान्ति और संघर्ष के बीच चुनाव एक चयन होगा।” त्साई ने इस चुनावो को लोकतंत्र और आज़ादी के लिए लड़ाई के तौर पर करार दिया है। चीनी रक्षा मंत्रालय ने बीते हफ्ते एक व्हाइट पेपर जारी किया था।

    इसके मुताबिक, अगर ताइवान को चीन से अलग करने की कोशिश की गयी तो बीजिंग बल का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकेगा। बीजिंग ने तायपेई के साथ करीबी संबंधों के लिए वांशिगटन को भी फटकार लगाई थी। अमेरिका ने ताइवान को हथियार बेचने की मंज़ूरी दे दी है। 

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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