श्रीलंका के मुस्लिम मंत्रियों ने ईस्टर बम धमाके के बाद आने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन अब उन्होंने दोबारा सदन में वापसी की है। पुलिस ने उन्हें इस्लामिक चरमपंथियों के साथ किसी भी तरह की मिलीभगत होने से क्लीन चीट दे दी थी। करीब 100 लोग स्थानीय जिहादी समूहों से जुड़े हुए हैं, जिन्हें 21 अप्रैल को हुए हमले के बाद गिरफ्तार किया गया था।
नौ सरकारी सांसदों ने जून के शुरुआत में कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था जब एक बौद्ध सांसद ने उनकी गिरफ्तारी और आतंक से जुड़े होने का आरोप लगाया था। राष्ट्रपति दफ्तर से जारी बयान के मुताबिक, मंत्री, राज्य मंत्री और उपमंत्रियों जिन्होंने इस्तीफा दे दिया था, उन्होंने बीती रात राष्ट्रपति के समक्ष शपथ ली है।
सांसदों के प्रवक्ता ने कहा कि “उन्होंने अपने पुराने पदों को स्वीकार करने का निर्णय लिया है। जब पुलिस ने इस्लामिक चरमपंथियों के साथ किसी तरिके के संबंध होने से पाक साफ़ करार दे दिया है।” श्रीलंका में मुस्लिम समुदाय की आबादी करीब 2.1 करोड़ है।
मुस्लिम नेताओं ने कहा कि “उनका समुदाय हमलो के बाद हिंसा, नफरत फ़ैलाने वाले भाषण और शोषण का पीड़ित है।” श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस के नेता रौफफ हकीम ने कहा कि “उनके समुदाय ने सुरक्षा बलों के साथ सहयोग किया था लेकिन वे खुद पीड़ित रहे हैं।”
श्रीलंका में बम धमाके के बाद राजधानी में मुस्लिम विरोधी दंगे शहरो तक फ़ैल गए थे, इसमें एक मुस्लिम की मौत हुई थी और सैकड़ो लोग घर छोड़कर भाग गए थे और दूकान और मस्जिदों को तोड़ा गया था। ईस्टर हमले के बाद श्रीलंका में इमरजेंसी जैसा माहौल बना हुआ है।