पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि “भारत और उनका मुल्क एक दूसरे के साथ व्यापार कर के गरीबी को कम कर सकते हैं। उन्होंने यह बयान नैंसी लिन्द्बोर्ग के साथ बातचीत के दौरान दिया था। इमरान खान अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर है।
भारत-पाक की आपस में व्यापार करे
खान ने कहा कि “पाकिस्तान को इस वक्त स्थिरता की जरुरत है और अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ अच्छे संबंधों की जरुरत है। वह प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को आश्वस्त करते हैं कि अगर वह एक कदम हमारी तरफ बढ़ाएंगे तो हम दो कदम उनकी तरफ बढ़ेंगे। भारत और पाकिस्तान की सबसे बड़ी समस्या गरीबी है।”
उन्होंने कहा कि “गरीबी को मात देने का सबसे अच्छा विकल्प है कि हम एक दूसरे के साथ व्यापार को शुरू कर दे।” भारत अपने मत पर बरकरार है कि बातचीत के लिए पाक को सबसे पहले सीमा पार आतंकवाद को रोकना होगा। भारत ने इस सीमा पार आतंकवाद से कई सैनिको को गंवाया है।
फ़रवरी में कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर पाकिस्तानी समर्थित जैश ए मोहम्मद आतंकी समूह के चरमपंथी ने एक फियादीन हमला किया था जिसमे 40 सैनिको की मौत हो गयी थी। भारत ने यूएन में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का संकल्प लिया और इसे भारत की कूटनीतिक जीत माना जाता है।
अमेरिका में मंगलवार को सांसदों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने खुलासा किया कि उनके मुल्क की सीमाओं पर 40 चरमपंथी समूह सक्रीय थे।
उन्होंने कहा कि “इसका कारण यह है कि हमारी सरकार नियंत्रण में नहीं थी। पाकिस्तान में 40 विभिन्न आतंकवादी समूह सक्रीय थे। पाकिस्तान का एक ऐसा युग भी था जब लोग हमें पसंद करते थे। अमेरिका हमसे ज्यादा करने की उम्मीद करता है और जंग को जीतने में हमारी मदद चाहता था। पाकिस्तान उस दौरान अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा था।”