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    फ्लिपकार्ट इंडिया की कमाई

    फ्लिपकार्ट इंडिया ने मार्च 2017 के अंत तक कुल 15,264.4 करोड़ रुपए का कारोबार किया है। इस प्रकार कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2016 के 13,177 करोड़ रूपए के मुकाबले कुल 15.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। कंपनी का नेट प्रॉफिट 4000 करोड़ रूपए के आसपास रहा। पिछले साल के 828.2 करोड़ रूपए के मुकाबले साल 2016 का वित्तीय घाटा कम होकर 544.3 करोड़ रूपए रहा गया है। फ्लिपकार्ट इंडिया ने इस साल एक्सिस बैंक से 375 करोड़ रूपए की कार्यशील पूंजी प्राप्त किया।

    फ्लिपकार्ट और अ​मेरिकी कंपनी अमेज़ॅन के बीच कड़ी टक्कर जगजाहिर है, बावजूद इसके इसी साल अगस्त महीने में जापान की सॉफ्ट बैंक ने अपने विजन फंड के जरिये ई-कॉमर्स फर्म फ्लिपकार्ट में 20% हिस्सेदारी के लिए 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया। ऐसे में फ्लिपकार्ट के कैश रिजर्व 4 अरब डॉलर को पार कर चुका है।

    इसी साल नवंबर महीने में म्यूचुअल फंड के निवेशक वैलिक ने फ्लिपकार्ट वैल्यू करीब 7.9 अरब डॉलर के रूप में चिह्नित किया था, जो कि 11.6 अरब डॉलर के मुकाबले कम है। इसके अलावा वैलिक न पिछली तिमाही में फ्लिपकार्ट वैल्यू 8.5 अरब डालर दर्ज किया है, जबकि साल 2015 में यह करीब 15 अरब डॉलर था।

    पिछले एक साल विशेषकर साल 2016 में फ्लिपकार्ट वैल्यू में गिरावट दर्ज की गई।  इसके अतिरिक्त फ्लिपकार्ट डॉट कॉम का संचालन करने वाली फ्लिपकार्ट इंटरनेट के अनुसार 31 मार्च 2016 के अंत में कंपनी 2,306 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा दर्ज किया गया, जोकि वित्तीय साल 2015 के 1,096 करोड़ के मुकाबले दोगुना है।

    इसके ठीक विपरीत वित्तीय वर्ष 2016 में फ्लिपकार्ट इंटरनेट की कुल आय 1,952 करोड़ रुपए रही, वहीं वित्तीय वर्ष 2015 में यही राशि 772.5 करोड़ रुपए थी। फ्लिपकार्ट इंटरनेट कमिशन के माध्यम से पैसे एकत्र करता है,जिसके प्रत्येक विक्रेता हर बिक्री पर कंपनी को भुगतान करत हैं।

    जुलाई-सितंबर 2017 में ई-कॉमर्स एडवाइजरी फर्म रेडसीयर मैनेजमेंट कंसल्टिंग द्वारा 30 शहरों में 7500 लोगों के साथ किए एक सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय दुकानदार बतौर ब्रांड अमेज़ॅन की तुलना में फ्लिपकार्ट पर ज्यादा भरोसा करते हैं।

    एडवाइजरी फर्म रेडसीयर के सीनियर कंसल्टेंट कनिष्क मोहन के मुताबिक, फ्लिपकार्ट छोटे कस्बों और कम आय वाले लोगों की पहली पसंद है, ये लोग सबसे ज्यादा आॅनलाइन खरीददारी फ्लिपकार्ट से ही करते हैं। हांलाकि एडवाइजरी फर्म रेडसीयर के इस सर्वेक्षण नतीजे से अमेज़ॅन सहमत नहीं है।