सुनील ग्रोवर ने मुंबई मिरर को बताया कि कैसे उनकी कॉमेडी ने लोगों को तनाव और डिप्रेशन से लड़ने में मदद की है। जब वह दुबई में थे तो एक महिला ने उनके गले लगकर उन्हें डिप्रेशन से बाहर निकालने के लिए धन्यवाद दिया। सुनील कहते हैं-“अभिनेता के रूप में, व्यक्ति को नहीं पता होता कि दूसरो की ज़िन्दगी पर उनका क्या प्रभाव है क्योंकि हम ज्यादातर स्टूडियो जैसे बंद कमरे में काम करते हैं। लेकिन यह सुंदर है जब आप लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाते हैं।”
भारत अभिनेता ने बताया कि पहली बार उनके साथ ऐसा नहीं हुआ है। उनके मुताबिक, “कुछ दिन पहले, मैं अपनी फ्लाइट का इंतज़ार कर रहा था जब एक महिला मेरे पास आई और बताया कि उन्हें 100 मिलीग्राम की डिप्रेशन की गोलियां खानी पड़ती थी, लेकिन मेरे टीवी शो और लाइव एक्ट्स के कारण खुराक अब 10 मिलीग्राम तक कम हो गई है।समय के साथ मैंने महसूस किया है कि हास्य लोगों को तनाव मुक्त कर देता है। मेरे लिए, कॉमेडी एक दवा है और जो आपको हंसाते है, वह एक फार्मेसी है।”
अभिनेता ने स्वीकार किया कि कॉमेडी करना सबसे मुश्किल होता है। जब उनसे पूछा गया कि वह कॉमेडी में कैसे आये तो उन्होंने कहा-“यह मेरे लिए स्वाभाविक रूप से आता है, लेकिन मुझे लगातार अपने कौशल को चमकाना था। एक बच्चे के रूप में मैं परिवार के सदस्यों और शिक्षकों की नकल करता था और धीरे-धीरे इंटर स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया था और इससे पहले कि मैं यह जान पाता, यह मेरा पेशा बन गया था।”
41 वर्षीय अभिनेता ने बताया कि कैसे स्टेज एक्ट करते वक़्त उनकी कुछ समय सीमा होती थी लेकिन प्रदर्शन करते वक़्त वह भूल जाते थे और ज्यादा लम्बा एक्ट कर देते। उनके मुताबिक, “मुझे चेतावनी की घंटी भी नहीं सुनाई दी क्योंकि मैं केवल अपने सामने बैठे लोगों पर ध्यान केंद्रित कर रहा था जो हंस रहे थे। मुझे अयोग्य घोषित कर दिया गया क्योंकि मैं 12 मिनट के लिए मंच पर था, लेकिन मुझे लगता है कि ये मेरी सबसे बड़ी जीत है क्योंकि मैं दर्शकों को इतने लंबे समय तक आकर्षित कर सकता था।”