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    पूर्वी येरुशलम में इमारतो को ढहाते इजराइल के सैनिक 

    इजराइल की सेना ने सोमवार को बुलडोज़र का रुख फिलिस्तीन के सुर बेहेर की तरफ की तरफ मोड़ लिया है और वाड़ी अल हुम्मुस इलाके में करीब 100 घरो को तबाह किया है। अलजजीरा की न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल की सेना बाउंड्री के नजदीक निवासियों पर विचार कर रही है। वेस्ट बैंक पर इजराइल का कब्ज़ा है।

    पूर्वी येरुशलम में इमारतो को ढहाते इजराइल के सैनिक

    बीते महीने इजराइल की शीर्ष अदालत ने इजराइल की सेना के समर्थन में फैसला सुनाया था और सभी घरो को गिराने की तय तारीख सोमवार को रखी गयी थी। फिलिस्तीनियों ने इजराइल पर आरोप लगाया कि वह सेना का इस्तेमाल उन्हें इलाके से बाहर निकलने के लिए कर रही है ताकि इजराइल की बस्तियों को बढाया जा सके। अधिग्रहित फिलिस्तीनी सरजमीं पर सभी बस्तियां अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध है।

    वाड़ी अल हुम्मुस क्षेत्र में अधिकतर ढाँचे फिलिस्तीनी विभाग के अंतर्गत आते हैं और 1993 ओस्लो रज़ामंदी के तहत नियमित नागरिक नियंत्रण को मंज़ूरी है। कई निवासियों का कहना है कि “वह बेसहारा हो जायेगे।” संपत्ति मालिकों ने कहा कि “उनके समक्ष फिलिस्तीनी विभाग की तरफ से कार्य करने का अनुमति पत्र है। इजराइल के कब्जे किये वेस्ट बैंक में फिलिस्तीन की गतिविधियों पर पाबन्दी है।

    इजराइल ने शहर के करीब तारो को काट दिया था ताकि इमारतों तक आसानी से पंहुचा जा सके। भयभीत क्षेत्रों में से एक के सामुदायिक नेता हमदा हमदा ने कहा कि “रात 2:00 बजे से वे लोगो को जबरदस्ती उनके घरो से निकाल रहे हैं और उन्होंने घरो में विस्फोटक समाग्री लगाना शुरू कर दिया है, वह घरो को तबाह करना चाहते हैं। यहां सैकड़ो सैनिक मौजूद है।”

    वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशलम के बीच सुर बाहेर गाँव बसा हुआ है। यहाँ की राजनीतिक भूविज्ञान काफी जटिल है, कई इलाको के टुकड़े इजराइल अधिग्रहित येरुशलम शहर की सीमा से बाहर बसते हैं। यह वेस्ट बैंक से बिल्कुल कटे हुए हैं।

    फिलिस्तीन विभागों ने इन इलाको में मौजूद संरचनाओं पर समझौता किया है, जिसे वह नियंत्रित करना चाहिए। फिलिस्तीन लिब्रेशन संघठन ने ईरान की शीर्ष अदालत के फैसले की आलोचना करते हुए एक अधिकारिक बयान जारी किया था। इजराइल की सेना का मकसद सीमा के नजदीक बसी फिलिस्तीनी इमारतो को ध्वस्त करना है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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