इजराइल के प्रधानमन्त्री बेंजामिन नेतान्याहू 9 सितम्बर को भारत की एक दिवसीय यात्रा पर आयेंगे और अपने समकक्षी नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। यहूदी राष्ट्र में आठ दिन पूर्व ही दोबारा मतदान होगा। बेंजामिन नेतान्याहू ने 20 जुलाई को इजराइल के शासन पर सबसे अधिक समय तक बने रहने का इतिहास बनाया था।
बेंजामिन नेतान्याहू की भारत यात्रा
नेतान्याहू ने इजराइल के संस्थापक डेविड बेन गुरिओन को पीछे छोड़ा था। बेंजामिन नेतान्याहू चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बावजूद गठबंधन की सरकार बनाने में असफल साबित हुए थे।
येरुशलम में सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि “इजराइल के प्रधानमन्त्री बेंजामिन नेतान्याहू 9 सितम्बर को कुछ घंटो के लिए भारत में होंगे और वह नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। अभी तक को सार्थक मुलाकात की योजना नहीं बनी है लेकिन आगामी दिनों में इस पर कार्य किया जा सकता है, एक कारोबारी बैठक के आयोजन की सम्भावना है।”
इजराइल जके सांसदों ने मई में 21 वीं कनेस्सेट यानी संसद को भंग करने के लिए 74-45 से मतदान किया था और 17 सितम्बर को दोबारा आम चुनावो के आयोजन पर सहमती बनी थी। विश्लेषको के मुताबिक, पीएम मोदी के साथ मुलाकात कर चुनावो से पूर्व नेतान्याहू अपने अभियान को गति देंगे।
चुनावो में जीत की तरकीब
हारेट्ज़ के लेखक योस्सी वेर्टर ने कहा कि “नेतान्याहू की किस्मत साथ नहीं है लेकिन वह भारत के मोदी के साथ तस्वीर से मदद की उम्मीद लगाये हुए हैं। तेल अवीव में प्रधानमन्त्री दफ्तर ने नई दिल्ली के समकक्षियों से बातचीत की है और एक आमंत्रण को भेजने का आग्रह किया है।”
पत्रकार बे बताया कि पीएम नेतान्याहू लैंड होंगे, मुलाकात करेंगे और तस्वीरे लेंगे और इस यात्रा को इजराइल की सुरक्षा और आर्थिक हितो के लिहाज से महत्वपूर्ण करार देंगे। शिकायत करेंगे कि वामपंथी मीडिया ने इस यात्रा को नजरअंदाज किया है और फेसबुक पर कुछ अपलोड करेगे।”
सूत्रों ने बताया कि ” भारतीय प्रधानमन्त्री दफ्तर ने अगस्त 25 के सप्ताह की तारीख को यात्रा के लिए सुझाया था लेकिन इजराइल के पक्ष ने सितम्बर के शुरू में यात्रा को मुकम्मल करने पर जोर दिया था और अंत में 9 सितम्बर पर मोहर लग गयी थी।” 16 साल पूर्व इजराइल के पीएम अरियल शेरोन ने भारत की यात्रा कर इतिहास बनाया था।
सबसे पहले पीएम नेतान्याहू को जनवरी में इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मीर बेन सब्बाथ के साथ भारत करने करने के लिए आमंत्रण देने का आग्रह किया गया था। यह दोनों नेता इजराइल में चुनावो से पूर्व 11 फ़रवरी को भारत आने वाले थे लेकिन नेतान्याहू ने व्यस्तता के कारण इस यात्रा को रद्द कर दिया था।
इसके बाद इजराइल की संसद को भाग कर दिया गया था और नए सिरे से चुनावो के आयोजन का ऐलान किया गया था। पीएम नेतान्याहू ने जनवरी 2018 में भारत की यात्रा की थी जबकि पीएम मोदी ने साल 2017 में की थी।