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    आइजोल, 20 जुलाई (आईएएनएस)| मिजोरम में कांग्रेस को छोड़कर सभी स्थानीय पार्टियां बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा से सटे ईसाई बहुल राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने की मांग कर रही हैं। पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनावों के लिए सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि वह असम की तरह राज्य में भी एनआरसी लागू करेगी।

    एमएनएफ नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट एलायंस का सदस्य है। एलायंस गैर-कांग्रेसी दलों का भाजपा समर्थित समूह है।

    एमएनएफ की शपथ तब आई जब मिजोरम में कई गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) द्वारा अवैध आव्रजकों को राज्य से निकालने के लिए असम की तरह यहां भी एनआरसी लागू करने की मांग की थी। असम ने पिछले साल जुलाई में एनआरसी का अंतिम मसौदा दाखिल किया था।

    मिजोरम मेंटीनेंस ऑफ हाउसहोल्ड रजिस्टर्स बिल, 2019 पेश करते हुए मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा कि मिजोरम की कमजोर सीमाओं से आने वाले विदेशियों की आमद के कारण विधेयक की जरूरत है।

    मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर वाले विधेयक में लिखा है, “कई मामलों में विकास और लोकहित की योजनाओं के लाभ बड़ी संख्या में ऐसे विदेशियों द्वारा लेते हुए पाया गया है।”

    केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद में एनआरसी के मुद्दे पर बोलते हुए इसे पूरे देश में लागू करने का समर्थन किया था।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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