वायुसेना के प्रमुख मार्शल बीएस धनोआ ने कहा कि “सीरिया की जंग के अनुभव से सीखने के लिए हथियारबंद सेना आगे की तरफ देख रहे हैं। इस वर्ष रूस के साथ व्यापक स्तर संयुक्त अभ्यास की योजना बनायीं गयी है।” इंदिरा 2019 जिसमे वायु सेना, थल सेना और नौसेना शामिल है। इस अभ्यास का थीम आतंकवादी रोधी अभियानों के इर्द गिर्द होगी।
संयुक्त सैन्य अभ्यास
अधिकारी ने रूस के सैन्य अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि “इस अभ्यास का मुख्य थीम संयुक्त आतंक रोधी अभियानों अपर आधारित है। यह एक सबसे महत्वपूर्ण अनुभव और पहलु है, सीरिया में आतंकवादियों के खिलाफ हवाई इस्तेमाल करने अनुभव से हम सीखना चाहेंगे।”
रूस की बीते हफ्ते यात्रा की थी और यार्क 130 ट्रेनर एयरक्राफ्ट को वायुसेना के प्रमुख ने कहा कि “भारत के पायलट सीरिया में अभियानों के दौरान रुसी वायुसेना के अनुभवों से सीखने में दिलचस्पी है।” वायुसेना के प्रमुख ने बताया कि भारत द्वारा एस 400 एंटी एयर सिस्टम को आर्डर कर दिया गया है और यह क्षेत्र में एक गेम चेंजर की भूमिका निभाएगा।”
उन्होंने कहा कि “हम यह भी समझते हैं कि यह अभ्यास करीबी संपर्क की स्थापना करने में बेहद मददगारी होंगे और और आपके पायलटो के साथ अनुभवों को साझा किया जायेगा। ऐसे ही एयरक्राफ्ट मिग, सु-30, एमआई-17 हमारी सर्विस में हैं, और ऐसी ही मशीन चला रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि “वायुसेना और वायु रक्षा अभियान काबिलियत में सार्थक सुधार करेंगे। यह मेरे लिए बेहद महत्वपूर्ण पल है। मुझे एक बार पेचोरा एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम के लिए प्रशिक्षित किया गया था। इसलिए मेरे लिए यह एक बड़ा मौका है कि मैं एस-400 को देखू और एयर डिफेन्स के साथ इसकी तुलना करूँ।”
अधिकारी ने बताया कि भारतीय वायुसेना सु 30 एमकेआई लडाकू विमान को अपग्रेड करने की तरफ देख रहा है। उन्होंने कहा कि “हमने सु-30 को अपग्रेड करने की संभावनाओं की तरफ देख रहे हैं, इसे बीते 20 वर्षो से संचालित किया जा रहा है। हमने रुसी पक्ष से आग्रह किया है कि हमें आधुनिकरण के प्रस्तावों को दे।”
उन्होंने कहा कि “रुसी वायुसेना की सर्विस में प्रवेश के बाद ही हम इस पर निर्णय ले सकते हैं। हम अधिग्रहण के मामले पर सिर्फ तभी विचार कर सकते हैं जब हम उसे कार्य करता देखे और हमें इसके मूल्यांकन का प्रस्ताव मिले।”