भारतीय विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि “ब्रिटेन के तेल टैंकर पर सवार 18 भारतीयों की सुरक्षित रिहाई के लिए भारत ईरानी सरकार के संपर्क में हैं।” शुक्रवार को ईरान ने ब्रिटेन के एक तेल टैंकर को जब्त कर लिया था और दूसरे का रास्ता रोका था।
23 में से 18 भारतीय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि “हम वारदात अधिक जानकारी को जुटा रहे हैं। हमारा मिशन भारत सरकार के साथ संपर्क में हैं, ताकि भारतीय नागरिकों की जल्द रिहाई और प्रत्यर्पण हो सके।”
टैंकर को जब्त करने के बाद ईरान ने आरोप लगाया कि ब्रितानी जहाज अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहा था। ईरान की नाव और जहाज के टकराने से किसी प्रकार की हताहत की खबर नहीं है। बोर्ड में 23 क्रू के सदस्य थे, इसमें भारतीय, रूस, फिलिपिनो के नागरिक थे।
एक अन्य टैंकर एमवी मेस्दार का रास्त्ता ईरान ने रोका था लेकिन बाद में नियमों का पालन की जानकारी के बाद सेना ने जहाज को जाने की अनुमति दे दी थी। ईरान और पश्चिमी देशों के बीच सम्बन्ध बिगड़ते जा रहे हैं और भारत-ईरान के सम्बन्ध अच्छे हैं।
गंभीर परिणाम भुगतने की दी चेतावनी
ब्रिटेन ने विदेश सचिव ने ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। हंट ने चेतावनी दी कि “अगर जल्द ही स्टेन इम्पेरो की हालात को नहीं सुलझाया गया तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। ब्रिटेन अभी सैन्य विकल्प की तरफ नहीं देख रहा है। हम इस स्थिति के समाधान एक लिए कूटनीतिक तरीके की तरफ देख रहे हैं।”
इन वारदातों ने अंतरराष्ट्रीय चिंताओं को बढ़ा दिया है। अमेरिका ने सऊदी अरब में पहली बार सैनिको को भेजने की योजना बनायीं है। वांशिगटन और तेहरान के बीच बीते वर्ष से सम्बन्ध खराब होते जा रहे हैं, जब डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका को परमाणु संधि से बाहर निकाल लिया था।